हृदयरोग से बचने के लिए सुधारें जीवनशैली

हृदय रोग विशेषज्ञों ने जन्मजात हृदय रोगों और कैथेटर आधारित उपचार तकनीकों में हाल की प्रगति पर चर्चा की.

By DURGESH KUMAR | October 6, 2025 12:52 AM

पटना . कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआइ), बिहार चैप्टर के 31वें वार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को देशभर के हृदय रोग विशेषज्ञों ने जन्मजात हृदय रोगों और कैथेटर आधारित उपचार तकनीकों में हाल की प्रगति पर चर्चा की. दो दिनों तक चले इस वैज्ञानिक सम्मेलन में देशभर के हृदय रोग विशेषज्ञों ने नयी तकनीकों, अनुसंधानों और उपचार पद्धतियों पर विचार-विमर्श किया. इसमें वाराणसी से आयी वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ प्रतिभा राय ने अपने सत्र में कहा कि देश में हृदयरोग अब जीवनशैली जनित महामारी बन चुके हैं. यदि लोग रोज 30 मिनट पैदल चलें, भोजन में नमक-तेल की मात्रा घटाएं और तनाव नियंत्रित करें, तो 70 प्रतिशत हृदयरोग कभी होंगे ही नहीं. उन्होंने बताया कि महंगे इलाज और नयी तकनीक जरूरी हैं, पर असली उपचार लाइफ स्टाइल को ठीक कर किया जा सकता है. इलाज में अब पटना पीछे नहीं : पटना के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एसएस. चटर्जी ने कहा कि बिहार में भी अब जटिल हृदय दोषों का उपचार स्थानीय स्तर पर संभव है. उन्होंने कहा कि एम्स पटना, पीएमसीएच और अन्य संस्थानों में कैथेटर आधारित आधुनिक तकनीकें, जैसे जन्मजात हृदय दोषों की डिवाइस क्लोजर, वाल्व रिप्लेसमेंट और बायपास सर्जरी, सफलतापूर्वक की जा रही हैं. हमारा अगला लक्ष्य है कि ये सुविधाएं जिला स्तर तक पहुंचे. लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित हुए वरिष्ठ डॉक्टर समापन समारोह में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ आरके अग्रवाल और वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक डॉ अजीत प्रधान को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. कोलकाता के डॉ अवधेश कुमार सिंह ने लेक्चर प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने भारतीय हृदय सर्जरी के इतिहास और भविष्य की दिशा पर विचार रखे.

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