जीवन की मुश्किल घड़ियां देती हैं आत्मविकास का मौका
आइआइटी, पटना में रविवार को टीइडी एक्स आइआइटी पटना का सातवां संस्करण शुरू हुआ. कार्यक्रम में देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आये आठ प्रेरक वक्ताओं ने अपने अनुभव, विचार और कहानियां साझा कर श्रोताओं को नयी सोच और ऊर्जा से भर दिया
आइआइटी पटना टीइडी एक्स का हुआ आयोजन संवाददाता, पटना: आइआइटी, पटना में रविवार को टीइडी एक्स आइआइटी पटना का सातवां संस्करण शुरू हुआ. कार्यक्रम में देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आये आठ प्रेरक वक्ताओं ने अपने अनुभव, विचार और कहानियां साझा कर श्रोताओं को नयी सोच और ऊर्जा से भर दिया. कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने की. उन्होंने छात्रों और प्रतिभागियों को नवाचार, प्रेरणा और सकारात्मक सोच को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. रामचंद्र बुधियाल ने बताया कि जीवन की मुश्किल घड़ियां भी आत्मविकास का मौका होती हैं. सचिन राय ने प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की अहमियत पर जोर दिया. कलाकार और वास्तुकार लक्ष्मी मोहनबाबू ने कला के जरिये दुनिया को जोड़ने की बात कही. अभिनेता और आइआइटी, पटना के पूर्व छात्र अंशुमान पुष्कर ने अपने फिल्मी सफर के उतार-चढ़ाव का अनुभव साझा किया और छात्रों को अपने जुनून को अपनाने की प्रेरणा दी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भाषा तकनीक के जानकार डॉ आसिफ इकबाल ने बताया कि भविष्य में तकनीक और इंसानों के बीच संवाद कैसे बदलेगा. अभिनेत्री व गायिका प्लाबिता बोरठाकुर ने आत्म-अभिव्यक्ति और रचनात्मकता के महत्व पर बात की. युवा उद्यमी चिराग आर्य ने असफलताओं से सीखकर आगे बढ़ने का संदेश दिया. नेतृत्व कोच नवीन कुमार ने करुणा, नेतृत्व और समाज में सकारात्मक बदलाव की जरूरत पर चर्चा की.
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