बागमती नदी की बाढ़ से हजारों लोगों को मिलेगी राहत, बिहार सरकार ने बनाया खास प्लान
बिहार सरकार बागमती नदी के जल को संरक्षित करने के लिए गंडक नदी में पानी मोड़कर जल संरक्षण की योजना पर काम कर रही है. इस योजना का उद्देश्य बागमती नदी की बाढ़ से प्रभावित बड़ी आबादी को राहत पहुंचाना है.
Bihar News: बिहार में हर साल बागमती नदी की बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित होते हैं. लेकिन अब इस समस्या से राहत दिलाने के लिए बिहार सरकार ने एक विशेष प्लान तैयार कर लिया है. जल संसाधन विभाग बागमती नदी के सरप्लस जल को बूढ़ी गंडक नदी में मोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है. इस योजना के पूरा हो जाने से शिवहर और पूर्वी चंपारण जिले के हजारों लोगों को बागमती नदी से आने वाले बाढ़ के प्रकोप से बचाया जा सकेगा.
कैसे काम करेगी योजना?
जल संसाधन विभाग की इस योजना के तहत शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के बेलवा स्थल से पुरानी बागमती की धारा (बेलवा-मीनापुर लिंक चैनल) को मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी में मोड़ दिया जाएगा. इस महत्वपूर्ण परियोजना से शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड और पूर्वी चंपारण जिले के पताही प्रखंड की बड़ी आबादी को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी. परियोजना के पूरा होने पर इस क्षेत्र के कई गांवों को बागमती नदी की बाढ़ से होने वाली त्रासदी से राहत मिलेगी. साथ ही इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा और जनजीवन और अधिक आरामदायक हो जाएगा.
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इस परियोजना से क्या होगा फायदा?
- हर साल बागमती नदी की वजह से आने वाले बाढ़ से मचने वाली तबाही से राहत मिलेगी.
- खेतों में सिचाई के लिए किसानों को पानी की कमी नहीं होगी, जिससे फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी.
- सरप्लस पानी को बूढ़ी गंडक नदी में डायवर्ट किये जाने की वजह से नदी के जल का प्रबंधन बेहतर हो सकेगा.
