प्राथमिक स्कूलों में मैथिली की पढ़ाई को सरकार ने दी मंजूरी, लेकिन पढ़ना अनिवार्य नहीं

सरकारी स्कूलों में मैथिली भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाने को लेकर विधान परिषद में वोटिंग करायी गयी. इस मसले को लेकर कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा के गैर सरकारी संकल्प को मतदान से खारिज किया गया.

By Prabhat Khabar | February 27, 2021 7:07 AM

पटना. सरकारी स्कूलों में मैथिली भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाने को लेकर विधान परिषद में वोटिंग करायी गयी. इस मसले को लेकर कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा के गैर सरकारी संकल्प को मतदान से खारिज किया गया.

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि राज्य में पहली से आठवीं कक्षा में एक भाषा के रूप में मैथिली पढ़ाने के संबंध में सरकार ने पहले से ही सहमति दी है.

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से ही मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया गया. सरकार के उत्तर से असंतुष्ट प्रेमचंद मिश्रा द्वारा संकल्प वापस लेने से मना कर दिया गया.

इस पर पर कार्यकारी सभापति ने वोटिंग करवायी और संकल्प ध्वनिमत से खारिज हो गया. प्रेमचंद मिश्रा ने अपने गैर सरकारी संकल्प में सरकार के सामने प्रस्ताव रखा था कि बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय के रूप में मैथिली भाषा की पढ़ाई शुरू की जाये.

48 घंटे में होगा परीक्षकों का भुगतान

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने घोषणा की है कि परीक्षकों का खाता संख्या और बकाये की जानकारी मिलते ही 48 घंटे में भुगतान कर दिया जायेगा. शुक्रवार को विधान परिषद में एक ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री ने कहा कि केवल जिन परीक्षकों के बैंक अकाउंट नंबर और विवरण सही नहीं थे, उन्हीं का पारिश्रमिक भुगतान रुका है. उनसे अकाउंट नंबर और अन्य जानकारी मांगी गयी है.

उन्होंने कहा कि इस बार इंटर और माध्यमिक परीक्षा की मूल्यांकन तिथि में परिवर्तन किया गया है. इंटर का मूल्यांकन अब पांच से 15 मार्च और माध्यमिक परीक्षा का 12 मार्च से 24 मार्च तक होगा. मूल्यांकन केवल एक पाली में 9:30 सुबह से शाम 5:30 तक होगा. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि आने वाले समय में राज्य के सभी जिला स्कूल बेहतर होंगे. उनकी स्थिति ठीक नहीं है.

Posted by Ashish Jha

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