पटना में अब पाइप से घर तक पहुंचेगा गंगाजल, दीघा, मनेर और पालीगंज में होगा पानी स्टोर
बिहार की राजधानी पटना में भी सरकार गंगाजल को पेयजल के रूप में उपलब्ध कराने जा रही है. सरकार की योजना के अनुसार पटना के लोगों को घर-घर गंगाजल पहुंचाने का फैसला हुआ है. इसके लिए गंगा में डैम बनाया जायेगा.
पटना. पटना में भूजल का दोहन हो रहा बेतहाशा है. इसके बावजूद इसको लेकर कोई भी सख्त गाइडलाइन नहीं बन पायी है. इसके कारण हाल के वर्षों में पटना के शहरी-ग्रामीण इलाकों में भूजल में तेजी से गिरावट होने लगी है. ऐसे में जल संसाधन विभाग ने पटना शहर में गंगा-सोन का पानी लेकर पहुंचाने का एक प्लान बनाया है. इसके अंतर्गत बाढ़ अवधि जुलाई से अक्तूबर तक गंगा और सोन नदी के पानी को भंडारित किया जायेगा और जल शोधन संयंत्र के माध्यम से शोधित कर पटना शहर को पेयजल की आपूर्ति की जायेगी. पानी भंडारित करने के लिए पालीगंज प्रखंड के उदयपुर गांव के पास सोन नदी पर बराज का निर्माण किया जायेगा. वहीं, मनेर, दीघा, उदयपुर के पास तीन इनटेक वेल-सह पंप हाउस का निर्माण होगा.
अगले माह से बनेगी डीपीआर
बराज में पानी स्टोर करने के बाद पाइपलाइन से पटना शहर में लोगों तक पहुंचाया जायेगा. उदयपुर गांव के पास डिटेंशन टैंक का भी निर्माण होगा. वहीं, खगौल के पास एमयूजीआर का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है. योजना को पूरा करने के लिए अगले माह से डीपीआर बनेगी, ताकि जलापूर्ति योजना का काम जल्द-से-जल्द पूरा किया जा सकें.
6513.16 करोड़ रुपये की स्वीकृत
जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत पटना शहर में पेयजल के लिए गंगाजल आपूर्ति योजना के लिए 6513.16 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है. स्थानीय लोगों, औद्योगिक क्षेत्र, स्कूल, अस्पताल व अग्निशामक की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह काम किया जा रहा है. भविष्य में जनसंख्या वृद्धि व औद्योगिक विकास से भूजल पर अधिक दबाव पड़ेगा. इस लिए यह काम हो रहा है.
2036 तक नहीं होगी पानी की दिक्कत
वहीं, 2011 में पटना शहर की जनसंख्या के आधार पर 2036 में रूपांकित जनसंख्या की आवश्यकता के अनुरूप जल की मांग की गणना होगी. जल की मांग को उपलब्ध कराते हुए गंगा नदी और सोन नदी में उपलब्ध जल के स्रोतों का खोज करते हुए इसके भंडारण और सालभर पटना शहर को शोधित जल उपलब्ध कराने की योजना बनायी जायेगी.
