बिहार में नहीं होता खाद का उत्पादन, केंद्र ने महज 35 प्रतिशत पूरी की डिमांड, खाद किल्लत पर बोले कृषि मंत्री

बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि बिहार में खाद का उत्पादन नहीं होता है. बरौनी खाद कारखाना वर्षों से बंद है. यूरिया के एक दाने का भी यहां उत्पादन नहीं है. केन्द्र सरकार जो देती है, वही किसानों को उपलब्ध कराया जाता है.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 10, 2021 6:06 PM

पटना. बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि बिहार में खाद का उत्पादन नहीं होता है. बरौनी खाद कारखाना वर्षों से बंद है. यूरिया के एक दाने का भी यहां उत्पादन नहीं है. केन्द्र सरकार जो देती है, वही किसानों को उपलब्ध कराया जाता है. लोगों को यह बात समझनी होगी. सिर्फ हंगामा करने से समस्या का समाधान नहीं होगा.

कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार को जितना खाद मिलना चाहिए उसका 35 फीसदी ही मिला है. उन्होंने कहा कि डीएपी की जगह एनकेपी खाद भी दिया जा रहा है. जिसका काम डीएपी की तरह होगा, लेकिन किसानों को डीएपी डालने की आदत है. सरकार एनकेपी खाद की जानकारी भी दे रही है. आगे 12-13 तारीख तक स्थिति को सामान्य कर लिया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि इतनी समस्या के बावजूद अब स्थिति सामान्य हो रही है. जितना हंगामा हो रहा है, उतनी किल्लत है नहीं. कुछ मीडिया बेवजह मामले को तूल दे रहे हैं. हां, इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि हर जगह खाद उपलब्ध नहीं है. केन्द्र सरकार को सूचित किया गया है.

बिहार से ज्यादा दूसरे प्रदेशों में खाद की भारी किल्लत है, लेकिन बिहार में स्थिति को सामान्य करने में मुख्यमंत्री खुद लगे हुए हैं. केन्द्रीय स्तर के नेताओं से लगातार बात हो रही है. केन्द्र से कहां-कहां खाद पहुंचा, इसके रिकॉर्ड का संकलन किया जा रहा है. ताकी प्रोपेगेंडा ना बने.

मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सारे आवागमण बंद थे. रेल और सड़क परिवहन के साथ-साथ हवाई सेवा भी बंद थे. इस कारण समय पर बिहार में खाद नहीं पहुंच पाया. मंत्री ने कहा कि डीएपी खाद बनाने के 60 प्रतिशत मटेरियल विदेशों से मंगाया जाते हैं, लेकिन हवाई और शिप सेवा बंद होने के कारण कच्चे चीजों का आयात नहीं हो पाया. इस कारण उत्पादन काफी कम हुई है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version