Exclusive: बिहार सरकार चाहे तो मिल सकती है महंगी बिजली से राहत, जानिए कितनी पड़ेगी सब्सिडी की जरूरत

बिजली कंपनी के मुताबिक 2022-23 में 7.22 रुपये प्रति यूनिट की दर से 29459 मिलियन यूनिट बिजली की खपत का अनुमान है. ऐसे में बिजली आपूर्ति पर लगभग 21,269 करोड़ रुपये का खर्च होंगे.

By Prabhat Khabar | March 26, 2023 6:39 AM

सुमित कुमार, पटना. बिहार की बिजली दर में 24% से अधिक बढ़ोतरी की विद्युत विनियामक आयोग की घोषणा के बाद उपभोक्ताओं की आस अब राज्य सरकार पर टिक गयी है. बिजली आपूर्ति कंपनियों ने 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में बिजली आपूर्ति पर होने वाले औसत खर्च में करीब 22% यानी 4800 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. ऐसे में अगर राज्य सरकार 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान देगी, तब ही वर्तमान टैरिफ दर को बरकरार रखा जा सकेगा. सरकार ने 2022-23 में उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए कंपनी को 7801 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया था.

7.22 से 8.30 रुपये प्रति यूनिट हो गया औसत आपूर्ति खर्च

बिजली कंपनी के मुताबिक 2022-23 में 7.22 रुपये प्रति यूनिट की दर से 29459 मिलियन यूनिट बिजली की खपत का अनुमान है. ऐसे में बिजली आपूर्ति पर लगभग 21,269 करोड़ रुपये का खर्च होंगे. वहीं, 2023-24 में संभावित 31,407 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति के लिए औसत 8.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से 26067 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया है. इसी अंतर का हवाला देते हुए विनियामक आयोग ने टैरिफ की दर में 24% से अधिक की बढ़ोतरी की है.

कृषि व सिंचाई के लिए सबसे अधिक दी जा रही सब्सिडी

वर्तमान में राज्य सरकार सबसे अधिक बिजली सब्सिडी कृषि एवं सिंचाई के लिए सरकारी नलकूपों को देती है. आयोग ने इस श्रेणी के लिए 5.90 रुपये प्रति यूनिट टैरिफ निर्धारित किया है, लेकिन सरकार 5.25 रुपये प्रति यूनिट अनुदान देती है. इसके एवज में ऊर्जा विभाग को मात्र 0.65 पैसे प्रति यूनिट बिल मिलता है. निजी नलकूपों के मामले में भी 5.55 रुपये निर्धारित टैरिफ के मुकाबले सरकार 4.85 रुपये सब्सिडी देती है.

मतलब किसानों को मात्र 0.70 पैसे यूनिट देना होता है. इसके बाद घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं को सर्वाधिक 3.50 रुपये की सब्सिडी मिलती है. 6.10 पैसे से 6.70 पैसे तक निर्धारित टैरिफ के मुकाबले ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को 2.60 से 3.10 रुपये प्रति यूनिट का ही बिल देना होता है. तीसरे नंबर पर ग्रामीण गैर घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनको 2.90 से लेकर 2.92 रु प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलती है. शहरी गैर घरेलू उपभोक्ताओं को 0.53 पैसे की सब्सिडी मिलती है. लो टेंशन औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को 0.23 पैसे से 0.25 पैसे की सब्सिडी दी जाती है. हाइ टेंशन औद्योगिक में 33 केवी के विशेष सेवा में 0.09 पैसे प्रति यूनिट को छोड़ कर किसी श्रेणी में सब्सिडी नहीं मिलती है.

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