इपीएफओ ने बदले नियम, अब 3 साल बाद पीएफ से 90 फीसदी तक निकासी संभव
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( इपीएफओ) ने पीएफ से पैसे निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( इपीएफओ) ने पीएफ से पैसे निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब कोई भी कर्मचारी केवल तीन साल की सदस्यता पूरी होने के बाद अपने प्रोविडेंट फंड से 90 फीसदी तक की राशि निकाल सकेगा. यह नया नियम खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो अपना पहला घर खरीदना या बनवाना चाहते हैं.
इस बात की जानकारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त हेमंत कुमार ने बताया कि इपीएफ योजना, 1952 में नया पारा 68-बीडी जोड़ा गया है, जिसके तहत अब मकान खरीद, निर्माण या इएमआइ भुगतान के लिए फंड का 90 फीसदी हिस्सा निकाला जा सकता है. पहले इसके लिए पांच साल की सदस्यता जरूरी थी और निकासी की राशि भी सीमित रहती थी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा इपीएफओ ने इंस्टेंट विदड्रॉअल, ऑटो सेटलमेंट लिमिट को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने और क्लेम वेरिफिकेशन पैरामीटर्स को कम कर प्रोसेस को तेज किया है. क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि अब शिक्षा, शादी और चिकित्सा खर्चों के लिए भी निकासी पहले से आसान होगी. इन बदलावों से वेतनभोगी वर्ग को घर खरीदने और इमरजेंसी में वित्तीय सहारा मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
