Exclusive: बिहार में शिक्षक चयन प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बोले- इंटरव्यू जरूरी

बिहार के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षकों के चयन के लिए गंभीर किस्म के साक्षात्कार (इंटरव्यू) जैसे लैंड मार्क की जरूरत है. इस दिशा में सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने यह बात बुधवार को प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान कही.

By Prabhat Khabar | September 4, 2022 7:59 AM

राजदेव पांडेय, पटना. बिहार के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षकों के चयन के लिए बीटेट/ सीटेट पात्रता परीक्षाओं में उत्तीर्णता के अलावा भी गंभीर किस्म के साक्षात्कार (इंटरव्यू) जैसे लैंड मार्क की जरूरत है. इस दिशा में सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने यह बात बुधवार को प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान कही. उन्होंने दो टूक कहा कि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में बड़े बदलावों की सख्त जरूरत है.

चयन की वर्तमान प्रक्रिया शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए सही नहीं

शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने बताया कि शिक्षक चयन की वर्तमान प्रक्रिया शैक्षणिक गुणवत्ता स्थापित करने में कमतर साबित हो रही है. विज्ञान,गणित और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों में बेहतर शिक्षक न मिल पाने के सवाल पर बताया कि इसके पीछे शिक्षा प्रणाली/ संस्कृति में कुछ-न- कुछ कमियां जिम्मेदारियां रही हैं. हालांकि हम ऐसे शिक्षकों की पूर्ति करने की कोशिश करेंगे.

…तो देशव्यापी विज्ञापन निकालने की जरूरत

अगर प्रदेश में हमारी जरूरत के शिक्षक नहीं मिले तो विज्ञान, अंग्रेजी और गणित के शिक्षकों के लिए देशव्यापी विज्ञापन जारी करने पर सोच सकते हैं. आखिर बच्चों के हित में हमें ऐसे कदम उठाने पड़ सकते हैं. शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि हमारी सरकार वर्ग संचालन पर फोकस करेगी. अभी ऐसे शिक्षकों का अनुपात बेहद कम है, जो पूरे मनोयोग से पढ़ा रहे हैं. कुछ शिक्षक वाकई शानदार पढ़ा रहे हैं. उनके स्कूलों में बच्चों की संख्या अच्छी-खासी होती है.

केंद्र पर आरोप, 40% बजट नहीं दे रहा

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह सर्व शिक्षा अभियान का नाम बदल कर समग्र शिक्षा करके केंद्रांश में कटौती कर रहा है. बताया कि केंद्र राज्य के समग्र शिक्षा अभियान के बजट में 40 फीसदी तक कटौती कर चुका है. सही मायने में केंद्र नहीं चाहता कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई हो. हालांकि, राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधन से बजट की पूर्ति कर रही है. केंद्र हिंदू- मुस्लिम विवादों को तूल देकर शिक्षा को हाशिये पर पटक देना चाहती है. हमारी सिंगल इंजन सरकार केंद्र के मंसूबे को कभी पूरा नहीं होने देगी.

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