इन प्रमुख श्रेणियों में दर्ज होंगे मामले
इस नयी व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करनेवाले साइबर क्राइम रिकॉर्ड पोर्टल ने एक विशेष एसओपी (मानक संचालन नियमावली) जारी की है. प्राप्त सभी शिकायतों को जिन नौ प्रमुख श्रेणियों में छांटते हुए दर्ज किया जाएगा. इसमें आधार आधारित पेमेंट सिस्टम, यूपीआई आधारित फ्रॉर्ड, डीमैट या जमा करने से संबंधित धोखाधड़ी, फ्रॉर्ड कॉल या विशिंग, ई-वैलेट संबंधित धोखाधड़ी, व्यवसायी या ऑफर से जुड़े ई-मेल के जरिए, इंटरनेट बैंकिंग संबंधित फ्रॉर्ड, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किए जानेवाले फ्रॉर्ड आदि शामिल है.
डिजिटल अरेस्ट के लिए बनी अलग कैटोगरी
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिजिटल अरेस्ट, लॉटरी जीतने, मेंबर बनाकर कमाई करने जैसे अन्य तरह के हथकंडे अपना कर की जानेवाली फ्रॉर्ड के मामलों को दर्ज करने के लिए भी अलग श्रेणी बनाई गई है. अब साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर केस दर्ज कराना आसान होगा. दर्ज की जाती है. अब बड़ी संख्या में अलग-अलग प्रकृति के साइबर अपराध के मामले आने लगे हैं. इन्हें श्रेणीवद्ध दर्ज करने से इनके अनुसंधान में सहूलियत होगी. श्रेणीवार अनुसंधान होने से अपराधियों की गिरफ्तारी में सहूलियत होगी.
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