संस्कृत के विकास से संस्कृति होगी समृद्ध, स्कूलों को मॉडल बनाने में पैसा देगी सरकार : डिप्टी सीएम
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संस्कृत को सबसे सरल भाषा बताते हुए कहा कि जितना विकास इस भाषा का होना चाहिए था वह नहीं हो सका
– संस्कृत दिवस समारोह में सम्राट चौधरी, मंगल पांडे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने संस्कृत के विकास पर दिया जोर – बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने 14 प्रधानाध्यापक को किया सम्मानित – संस्कृत शिक्षा के विकास को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी भाजपा: डॉ. दिलीप जायसवाल संवाददाता, पटना उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संस्कृत को सबसे सरल भाषा बताते हुए कहा कि जितना विकास इस भाषा का होना चाहिए था वह नहीं हो सका. हम अपनी संस्कृति से पीछे हट रहे हैं. संस्कृत पूरी तरह गणित है. परीक्षा में अगर अंक लाने की बात हो तो हिंदी और अंग्रेजी से इस भाषा में अधिक अंक लाया जा सकता है. यूपीएससी परीक्षाओं में भाषा के रूप में संस्कृत रखकर ही तैयारी करनी चाहिए. डिप्टी सीएम मंगलवार को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड द्वारा मंगलवार को रविंद्र भवन में आयोजित संस्कृत दिवस समारोह को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे. सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हरसंभव मदद करेगी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार बदलता नजर आ रहा है. इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अन्य अतिथियों के साथ बोर्ड की नयी वेबसाइट और पोर्टल का लोकार्पण किया. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राज्य के 45 चिह्नित संस्कृत विद्यालय मॉडल बनेंगे़ संस्कृत भाषा ही नहीं बल्कि संस्कृति है. संस्कृत स्कूलों के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत के अध्याय जोड़े जा रहे हैं. संस्कृत बढ़ेगी तो हमारी संस्कृति समृद्ध होगी. सभी शिक्षकों से समाज में भाषा के संरक्षण और संवर्धन का आह्वान किया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जाससवाल ने कहा कि भाजपा संस्कृत शिक्षा और संस्कृत विद्यालय के विकास के लिए पुरजोर कोशिश करेगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो चुनावी घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया जायेगा. संस्कृत के बिना पूजा पाठ संभव नहीं है.सनातन धर्म की परिपूर्णता की कल्पना भी नहीं कर सकते. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में आधारभूत संरचना, कन्टिजेंसी मद की कमी है. सेवांत लाभ, शिक्षकों के वेतन वृद्धि आदि समस्याएं प्रमुख हैं. संस्कृत विद्यालय- शिक्षकों की समस्या दूर होगी : एसीएस सिद्धार्थ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस् सिद्धार्थ ने कहा कि शीघ्र ही संस्कृत विद्यालयों एवं कर्मियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. प्रत्येक जिले में एक-एक संस्कृत माॅडल स्कूल स्थापित किये जाएंगे. प्रदेश से आए प्रधानाध्यापकों से बात करते हुए विद्यालयों के आधारभूत संरचना, सेवांत लाभ, पेंशन एवं समग्र शिक्षा से जोड़ने संबंधित बिन्दुओं पर शीघ्र निर्णय लेने की बातें कहीं. केएसडीएसयू के कुलपति प्रो.लक्ष्मीनिवास पाण्डेय ने अपने संबोधन में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कृत भाषा की उपयोगिता पर बल दिया. पोर्टल लांच, पाठ्यक्रम भी विमोचित कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष सह विधान पार्षद डॉ.संजय जायसवाल , कुलपति प्रो.लक्ष्मीनिवास पाण्डेय एवं बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने संयुक्त रूप से वेबसाइट एवं पोर्टल का लोकार्पण किया. बोर्ड द्वारा नूतन शिक्षा नीति -2020 पर आधारित संशोधित एवं संवर्धित वर्ग एक से 10 तक के पाठ्यक्रम को भी विमोचित किया गया. प्रदेश के 14 प्रधानाध्यापकों को सम्मानित किया गया. इनमें ऐसे विद्यालय का चयन किया गया है जिसका छात्रों का परिणाम संख्या अधिक थी.फोटो :: संस्कृत के विकास से संस्कृति होगी समृद्ध, स्कूलों को मॉडल बनाने में पैसा देगी सरकार : डिप्टी सीएम – संस्कृत दिवस समारोह में सम्राट चौधरी, मंगल पांडे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने संस्कृत के विकास पर दिया जोर – बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने 14 प्रधानाध्यापक को किया सम्मानित – संस्कृत शिक्षा के विकास को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी भाजपा: डॉ. दिलीप जायसवाल संवाददाता, पटना उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संस्कृत को सबसे सरल भाषा बताते हुए कहा कि जितना विकास इस भाषा का होना चाहिए था वह नहीं हो सका. हम अपनी संस्कृति से पीछे हट रहे हैं. संस्कृत पूरी तरह गणित है. परीक्षा में अगर अंक लाने की बात हो तो हिंदी और अंग्रेजी से इस भाषा में अधिक अंक लाया जा सकता है. यूपीएससी परीक्षाओं में भाषा के रूप में संस्कृत रखकर ही तैयारी करनी चाहिए. डिप्टी सीएम मंगलवार को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड द्वारा मंगलवार को रविंद्र भवन में आयोजित संस्कृत दिवस समारोह को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे. सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हरसंभव मदद करेगी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार बदलता नजर आ रहा है. इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अन्य अतिथियों के साथ बोर्ड की नयी वेबसाइट और पोर्टल का लोकार्पण किया. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राज्य के 45 चिह्नित संस्कृत विद्यालय मॉडल बनेंगे़ संस्कृत भाषा ही नहीं बल्कि संस्कृति है. संस्कृत स्कूलों के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत के अध्याय जोड़े जा रहे हैं. संस्कृत बढ़ेगी तो हमारी संस्कृति समृद्ध होगी. सभी शिक्षकों से समाज में भाषा के संरक्षण और संवर्धन का आह्वान किया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जाससवाल ने कहा कि भाजपा संस्कृत शिक्षा और संस्कृत विद्यालय के विकास के लिए पुरजोर कोशिश करेगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो चुनावी घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया जायेगा. संस्कृत के बिना पूजा पाठ संभव नहीं है.सनातन धर्म की परिपूर्णता की कल्पना भी नहीं कर सकते. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में आधारभूत संरचना, कन्टिजेंसी मद की कमी है. सेवांत लाभ, शिक्षकों के वेतन वृद्धि आदि समस्याएं प्रमुख हैं. संस्कृत विद्यालय- शिक्षकों की समस्या दूर होगी : एसीएस सिद्धार्थ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस् सिद्धार्थ ने कहा कि शीघ्र ही संस्कृत विद्यालयों एवं कर्मियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. प्रत्येक जिले में एक-एक संस्कृत माॅडल स्कूल स्थापित किये जाएंगे. प्रदेश से आए प्रधानाध्यापकों से बात करते हुए विद्यालयों के आधारभूत संरचना, सेवांत लाभ, पेंशन एवं समग्र शिक्षा से जोड़ने संबंधित बिन्दुओं पर शीघ्र निर्णय लेने की बातें कहीं. केएसडीएसयू के कुलपति प्रो.लक्ष्मीनिवास पाण्डेय ने अपने संबोधन में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कृत भाषा की उपयोगिता पर बल दिया. पोर्टल लांच, पाठ्यक्रम भी विमोचित कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष सह विधान पार्षद डॉ.संजय जायसवाल , कुलपति प्रो.लक्ष्मीनिवास पाण्डेय एवं बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने संयुक्त रूप से वेबसाइट एवं पोर्टल का लोकार्पण किया. बोर्ड द्वारा नूतन शिक्षा नीति -2020 पर आधारित संशोधित एवं संवर्धित वर्ग एक से 10 तक के पाठ्यक्रम को भी विमोचित किया गया. प्रदेश के 14 प्रधानाध्यापकों को सम्मानित किया गया. इनमें ऐसे विद्यालय का चयन किया गया है जिसका छात्रों का परिणाम संख्या अधिक थी.
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