डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण तेजी से करें पूरा: सीएम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के राजेन्द्रनगर में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण तेजी से पूरा कराने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है.

By KUMAR PRABHAT | August 24, 2025 12:54 AM

– मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का किया निरीक्षणसंवाददाता, पटनामुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के राजेन्द्रनगर में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण तेजी से पूरा कराने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है. साथ ही आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर यहां बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि बनने के बाद यह विज्ञान के प्रचार-प्रसार के विश्व के बेहतरीन केंद्रों में से एक और अपने आप में विशिष्ट होगा. इस साइंस सिटी के निर्माण को लेकर कई विशेषज्ञों की राय ली गयी है. यहां आने वाले छात्र-छात्राओं को विज्ञान की मूलभूत बातें, गतिविधियों और विज्ञान के सिद्धांतों को सरलता से समझने में सुविधा होगी, उनकी विज्ञान में रुचि बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को निर्माणाधीन साइंस सिटी के निरीक्षण के बाद कहीं.

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने 21 एकड़ के भू-खण्ड पर बन रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साईंस सिटी के निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली. साथ ही साइंस सिटी के परिसर और विभिन्न भागों का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को साइंस सिटी के निर्माण के बारे में बताया कि इसके भवनों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. इसमें पांच बड़े-बड़े हॉल बनाये गये हैं. इसमें विज्ञान से संबंधित प्रदर्शों को पांच गैलरी के माध्यम से दर्शाया जा रहा है. इसमें बीए साइंटिस्ट गैलरी (वैज्ञानिक बने दीर्घा), सस्टेनेबल प्लैनेट गैलरी (सतत ग्रह दीर्घा), बेसिक साइंस गैलरी (मूल विज्ञान दीर्घा), बॉडी एंड माइंड गैलरी (शरीर और मस्तिष्क दीर्घा), एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस गैलरी (खगोल विज्ञान एवं अंतरिक्ष दीर्घा) शामिल हैं.

प्रदर्श लगाये जा रहेकुमार रवि ने बताया कि देश की एक अनुभवी संस्था नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) के माध्यम से प्रदर्श लगाये जा रहे हैं. यह संस्था क्रिएटिव म्यूजियम डिजाइनर्स (सीएमडी) के द्वारा 75 करोड रुपये की लागत से प्रथम चरण में बीए साइंटिस्ट गैलरी (वैज्ञानिक बने दीर्घा) में कुल 12 और बेसिक साइंस गैलरी (मूल विज्ञान दीर्घा) में कुल 35 विज्ञान प्रदर्श लगाने का काम अंतिम चरण में है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है. विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा 889 करोड़ रुपये की लागत से साइंस सिटी की स्वीकृति दी गयी है. जिस समय इस साइंस सिटी की परिकल्पना की गयी थी, उसी समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस पर सुझाव के लिए महान वैज्ञानिक और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भेजा गया था. वे उस समय तक देश के राष्ट्रपति नहीं बने थे. बाद में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति बने तथा वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री के अनुरोध पर वे बिहार आये. यहां विधान मंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित भी किया.

डॉ एपीजे की मृत्यु के बाद उनके सम्मान में हुआ साइंस सिटी का नामकरण

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु के बाद उनके सम्मान में इस साइंस सिटी का नामकरण उनके नाम पर किया गया. इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक मार्च 2018 को किया था. मार्च, 2024 में मुख्यमंत्री ने स्वयं लंदन स्थित साईंस सिटी का निरीक्षण किया तथा नयी पीढ़ी के लोगों को विज्ञान के प्रति और भी आकर्षित करने के लिए बेहतर साइंस सिटी बनाने का निर्देश दिया. इस साइंस सिटी में आधुनिक सुविधाओं से युक्त 500 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाले एक प्रेक्षागृह का भी निर्माण किया गया है. इसके साथ-साथ स्कूली छात्रों के अध्ययन भ्रमण के दौरान रात्रि विश्राम हेतु परिसर में एक 150 शैय्या वाले डॉरमेट्री का निर्माण किया गया है. परिसर में 150 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल भी लगाये जा रहे हैं.

ये रहे मौजूद

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ प्रतिमा एस वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ चंद्रशेखर सिंह, पटना के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

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