Bihar News: शराबी और शराब तस्करों के लिए काल बनीं बिहार की महिलाएं, बड़ी संख्या में दर्ज करा रहीं शिकायतें

Bihar News: बिहार में 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून को समाज का समर्थन मिल रहा है. इसमें महिलाओं की भूमिका बेहद अहम रही है. अवैध शराब के खिलाफ महिलाएं टोल-फ्री नंबरों पर लगातार शिकायतें दर्ज करवा रही हैं. इससे प्रशासन को कार्रवाई में सफलता मिल रही है.

By Paritosh Shahi | July 3, 2025 7:35 PM

Bihar News: बिहार में 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून को आम लोगों, खासकर महिलाओं का खूब सहयोग मिल रहा है. सीएम नीतीश कुमार ने इस कानून को महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और घरेलू हिंसा को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू करवाया था. समय गुजरने के साथ-साथ महिलाएं खुद इस अभियान की अगुवा बन चुकी हैं और अवैध शराब के खिलाफ खुलकर सामने आ रही हैं.

महिलाएं कर रही प्रशासन की मदद

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा जारी टोल-फ्री नंबर 15545 और 18003456268 पर प्रतिदिन 200 से 300 शिकायत कॉल आ रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं अपने पति, बेटे, भाई या अन्य परिजनों द्वारा शराब सेवन या तस्करी की शिकायतें दर्ज करवा रही हैं. विभागीय आंकड़ों के अनुसार 2025 के पहले छह महीनों में ही 1211 महिलाओं ने शराब से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराईं. जनवरी में सबसे अधिक 270 कॉल दर्ज किए गए और जून में 189 शिकायतें सामने आईं.

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इस साल किस महीने में कितने कॉल दर्ज किये गए

यह ट्रेंड पिछले कुछ वर्षों से लगातार बनी हुई है. 2022 से 2025 के बीच इन टोल-फ्री नंबरों पर 396305 शिकायतें दर्ज की गई हैं. 2022 में औसतन प्रतिदिन 331, 2023 में 337, 2024 में 308 और 2025 के पहले पांच महीनों में प्रतिदिन औसतन 200-300 कॉल प्राप्त हुए. इस साल जनवरी में 310, फरवरी में 319, मार्च में 279, अप्रैल में 200 और मई में लगभग 215 कॉल प्रतिदिन दर्ज किए गए.

महिलाओं की इस जागरूक भागीदारी से शराबबंदी को जमीन पर लागू कराने में काफी सफलता मिल रही है. विभाग द्वारा जारी टोल-फ्री नंबरों को खूब प्रचारित किया गया है. बिजली के खंभों पर भी ये नंबर लिखवाए गए हैं ताकि अधिक से अधिक लोग इसकी जानकारी पा सकें.

विभाग की ओर से गुप्त सूचनाओं के आधार पर निरंतर छापेमारी की जा रही है. पिछले तीन वर्षों में कुल 20000 से अधिक छापेमारी की गई हैं, जिनमें 14000 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है. वर्ष 2025 में अब तक औसतन दो गिरफ्तारियां प्रतिदिन हो रही हैं.

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