Bihar Weather Update: बिहार में सर्दी का सितम, नवंबर महीने में ही टूट गया 12 साल पुराना रिकॉर्ड, अभी और बढ़ेगी कंपकंपी

Bihar Weather Update: उत्तर-पश्चिम से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण बिहार के अधिकतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. लोगों को अब जोरदार ठंड का एहसास होने लगा है. पिछले 48 घंटों के दौरान मौसम में आए परिवर्तन ने नवंबर महीने में पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2020 2:56 PM

Bihar Weather Update: उत्तर-पश्चिम से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण बिहार के अधिकतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. लोगों को अब जोरदार ठंड का एहसास होने लगा है. पिछले 48 घंटों के दौरान मौसम में आए परिवर्तन ने नवंबर महीने में पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दरअसल रविवार की रात पटना में जो तापमान दर्ज किया गया वह 12 साल के रिकॉर्ड को तोड़ने वाला था.

मौसम विभाग के मुताबिक, पटना का पारा 9.4 डिग्री दर्ज रहा. इससे कम तापमान वर्ष 2008 में रहा था. तब न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री पर पहुंच गया था. हालांकि सबसे ठंडा शहर गया रहा. मौसम विभाग ने भी तापमान में दर्ज होने वाली गिरावट को लेकर एक तरह से अलर्ट जारी कर दिया है. राहत की बात यह है कि बिहार के कुछ इलाकों में अभी तक उत्तर पूर्व दिशा से भी हवा बह रही है जिससे तापमान में फिलहाल कुछ वृद्धि के आसार जताए जा रहे हैं, जबकि बिहार के कई इलाके ऐसे भी हैं जहां बर्फीली हवाओं से लोगों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है.

.पिछले 24 घंटे में बिहार का गया जिला सबसे ठंडा पाया गया जहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री से भी नीचे पहुंच गया . अगले चार पांच दिनों में जैसे ही यह पश्चिमी विक्षोभ बिहार से गुजर जाएगा, उसके बाद ठंडी हवा फिर से बिहार में प्रवेश करेंगी, जिसके बाद पारे में तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी. कुल मिलाकर दिसंबर के आरंभ से सूबे में ठंड की विशेष बढ़ोतरी का पूर्वानुमान किया जा रहा है. उससे पहले न्यूनतम पारे में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा.

उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में उच्चतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे चल रहा है. उल्लेखनीय है कि जिन इलाकों में तापमान दस डिग्री से ऊपर है,वहां भी न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे है. मौसम विज्ञानियों की राय है कि दिसंबर के पहले पखवाड़े में इस साल बिहार में ठंड चरम पर पहुंच सकती है.

Posted By: utpal kant

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