बिहार का मौसम बदला तो आसमान से गिरने लगी मौत, वज्रपात ने एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों की ली जान

Bihar News: बिहार में बीते कुछ दिनों में वज्रपात की कहर बनकर बरसी बिजली ने एक दर्जन से अधिक लोगों की जान ले ली. मंगलवार को नवादा के रामपुर गांव में खेत से लौट रहे किसान पेरू यादव की मौत भी इसी कहर का हिस्सा बनी, जब बारिश से पहले उन पर आकाशीय बिजली गिर गई.

By Anshuman Parashar | June 18, 2025 10:33 AM

Bihar News: बिहार के नवादा ज़िले के गोविंदपुर प्रखंड के रामपुर गांव में मंगलवार की शाम आसमान से आई मौत ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं. राज्य में बीते दो दिन वज्रपात की कई घटनाएं हुईं, जिसमें कुल एक दर्जन से ज़्यादा लोगों की जान चली गई. इन्हीं में एक थे 48 वर्षीय किसान पेरू यादव, जो खेत से लौटते वक्त तेज बारिश में फंस गए. जान बचाने के लिए वे नजदीक के एक स्कूल की ओर भाग रहे थे, लेकिन इससे पहले कि छत उन्हें बचा पाती, बिजली की एक भयंकर चमक ने उनकी जान ले ली.

गंभीर मौसमीय चेतावनी के बीच बिजली गिरने की बढ़ी घटनाएं

इस हादसे ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसमीय गतिविधियां अब ग्रामीण इलाकों में जानलेवा बनती जा रही हैं. बिहार में प्रत्येक वर्ष औसतन 200 से अधिक लोग वज्रपात से जान गंवाते हैं, और यह संख्या हर मानसून में चिंता का कारण बनती है.

अस्पताल ले जाने पर भी नहीं बची जान

स्थानीय ग्रामीणों ने बिना समय गंवाए पेरू यादव को पास के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. शव को कानूनी प्रक्रिया के तहत पोस्टमार्टम के लिए नवादा सदर अस्पताल भेजा गया है. थाना प्रभारी विकास चंद्र यादव पूरे मामले की देखरेख कर रहे हैं.

आर्थिक संकट में डूबा परिवार, राहत की मांग

पेरू यादव अपने पूरे परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. उनके भतीजे मिथिलेश यादव ने बताया कि परिवार की आय का स्रोत अब पूरी तरह खत्म हो गया है. परिजनों ने आपदा राहत कोष से तत्काल सहायता की मांग की है.

Also Read: पटना में ट्रैफिक SP ने एक झटके में 19 महिला समेत 24 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड, मामला जानकर रह जाएंगे हैरान

प्रशासन को देना होगा मौसमीय आपदाओं पर विशेष ध्यान

यह घटना प्रशासन के लिए भी एक स्पष्ट संकेत है कि वज्रपात के दौरान चेतावनी प्रणाली और ग्रामीण जागरूकता को बढ़ाना अब समय की मांग है. स्थानीय स्तर पर सौर ऊर्जा आधारित अलार्म, SMS आधारित चेतावनी सिस्टम और पंचायत स्तर पर राहत केंद्रों की स्थापना जैसे कदमों की आवश्यकता है.