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Bihar Teacher: बिहार के प्राइवेट स्कूलों में हुआ सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर, विभागीय गलती से मचा हड़कंप

Bihar Teacher: बिहार के चनपटिया में तबादला सूची की गड़बड़ी से हड़कंप मच गया है. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का तबादला निजी स्कूल में कर दिया गया. जब शिक्षक योगदान देने पहुंचे तब खुलासा हुआ. विभाग ने गलती स्वीकारते हुए संशोधन की प्रक्रिया शुरू की है.

By Anshuman Parashar | June 24, 2025 11:49 AM
Bihar Teacher: बिहार के प्राइवेट स्कूलों में हुआ सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर, विभागीय गलती से मचा हड़कंप

Bihar Teacher: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले से शिक्षा व्यवस्था को लेकर हैरान करने वाली खबर सामने आई है. शिक्षा विभाग की तबादला सूची में हुई भारी गड़बड़ी के चलते कई सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर निजी स्कूलों में कर दिया गया और जब वे योगदान देने पहुंचे, तब जाकर असलियत का पता चला.

घटना चनपटिया अंचल के चूहड़ी बाजार स्थित ‘लोयला मिडिल स्कूल’ से जुड़ी है, जो कि एक निजी विद्यालय है. यहां सरकारी स्कूलों में कार्यरत तीन शिक्षिकाओं को तबादले के आदेश के तहत भेज दिया गया. शिक्षिकाएं जब स्कूल में योगदान देने पहुंचीं, तो वहां के स्टाफ और वे खुद भी हैरान रह गईं कि यह सरकारी आदेश आखिर निजी स्कूल के लिए कैसे जारी हो गया?

सूची में गड़बड़ी से मचा विभाग में हड़कंप

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, तबादला सूची तैयार करते समय तकनीकी गलती या प्रशासनिक लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है. अब विभागीय अधिकारी इस लिस्ट को दुरुस्त करने के लिए ऊपर से मार्गदर्शन मांग रहे हैं. लेकिन इस लापरवाही ने विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

भरपटिया स्कूल में भी हुई गड़बड़ी

इसी तरह की स्थिति भरपटिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी देखने को मिली है. इस स्कूल में पहले से 32 शिक्षक-शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं, बावजूद इसके हाल ही में 11 और नए शिक्षकों की पोस्टिंग यहां कर दी गई। इनमें से तीन ने तो योगदान भी दे दिया है.

तबादला नीति सवालों के घेरे में

जिला के कई अन्य स्कूल अब भी शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. इसके उलट जहां पहले से पर्याप्त स्टाफ है, वहां और शिक्षक भेजे जा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तबादला सूची तैयार करते वक्त ज़मीनी जरूरतों का आंकलन नहीं किया गया?

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अब इंतजार है सुधारात्मक कार्रवाई का

विभागीय अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही गलत आदेशों को रद्द किया जाएगा और शिक्षकों को सही स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा. लेकिन इस गलती से जो भ्रम और असंतुलन फैला है, उसने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है.

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