क्या पदयात्रा के जरिए ‘सत्ता की सीढ़ी’ चढ़ना चाहती है कांग्रेस? चिराग पासवान ने याद दिलाया ‘जंगलराज’

Bihar Politics: बिहार में चल रही कन्हैया कुमार की पलायन रोको नौकरी दो पदयात्रा शुक्रवार को पटना में समाप्त हो गई. इस पदयात्रा के जरिए कांग्रेस ने बिहार में अपनी पकड़ जमाने की कोशिश की है. अब इस यात्रा पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि लोगों को अब भी जंगलराज याद है. लोग बिहार छोड़ कर बाहर जाने पर मजबूर हुए थे. पढ़ें पूरी खबर…

By Aniket Kumar | April 12, 2025 8:39 AM

Bihar Politics: बिहार में राजनीतिक हलचल तेज है. इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होना है. इसको लेकर तमाम पार्टियों ने अपने-अपने हिस्से की तैयारी शुरू कर दी है. वार-पलटवार का दौर जारी है. कांग्रेस भी अपना पैर जमाने की पुरजोर कोशिश में है. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बिहार के अलग-अलग जिलों में जाकर पलायन रोको नौकरी दो यात्रा की. इस दौरान उन्होंने अपने संगठन को और मजबूत बनाने का प्रयास किया. साथ ही युवाओं के मुद्दों पर बातचीत की. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने कन्हैया की पदयात्रा पर निशाना साधते हुए पूरे महागठबंधन को पर वार किया है.

पलायन सभी के लिए चिंता का विषय

दरअसल, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में शुक्रवार की रात कई कार्यक्रम में शामिल हुए. सबसे पहले चिराग ने सलेमपुर चकभठंडी में अष्टयाम यज्ञ में भाग लिया. इसके अलावा चिराग पासवान ने कुतुबपुर में डाकघर के ब्रांच का उद्घाटन किया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा, “पलायन की समस्या सभी के लिए चिंता का विषय है. 1990 के दशक को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय आज भी हर किसी की यादों में ताजा है. साथ ही राजद सरकार के कार्यकाल में बिहार की स्थिति का भी जिक्र करते हुए कहा कि उस समय बिहार में जंगल राज का माहौल था. राजद सरकार की नीतियों ने बिहार को निराशा की स्थिति में पहुंचा दिया था. इसके कारण लोगों को न सिर्फ दूसरे राज्यों में जाना पड़ा, बल्कि कई लोग विदेश भी चले गए. चिराग पासवान ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस तरह कांग्रेस को बिहार से हो रहे पलायन की चिंता है, वैसी ही चिंता उन्हें भी है. यह मुद्दा सभी के लिए महत्वपूर्ण है.

पलायन रोको नौकरी दो यात्रा समाप्त

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा’ शुक्रवार को पटना में समाप्त हो गई. इस यात्रा की शुरुआत 16 मार्च को पश्चिम चंपारण के ऐतिहासिक गांधी आश्रम से हुई थी, जिसका उद्देश्य बिहार में बेरोजगारी, पलायन और युवाओं की अनदेखी के खिलाफ जनजागरण फैलाना था. कन्हैया कुमार ने बताया कि इस पदयात्रा के दौरान राज्यभर के युवाओं और आम लोगों से जो समस्याएं सामने आईं. उन्हें एक मांग पत्र के रूप में तैयार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा जाएगा. उन्होंने दोहराया कि बिहार से हो रहे लगातार पलायन को रोकना होगा और युवाओं को सम्मानजनक रोजगार देना सरकार की जिम्मेदारी है.

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