Caste Census: तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जाति जनगणना को लेकर कर दी ये बड़ी मांग

Caste Census: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उन्होंने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, साथ ही इसके प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की है.

By Abhinandan Pandey | May 3, 2025 11:17 AM

Caste Census: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना को लेकर कई अहम सुझाव दिए हैं. पत्र में तेजस्वी ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने के निर्णय की घोषणा भले ही स्वागतयोग्य है. लेकिन, इसे सतर्क आशावाद के साथ देखा जाना चाहिए.

तेजस्वी ने लिखा कि अब तक केंद्र सरकार और एनडीए गठबंधन जाति जनगणना को विभाजनकारी और अनावश्यक बताते रहे थे. जब बिहार ने अपने स्तर पर जाति सर्वे कराया, तब केंद्र और उसके सहयोगियों ने बाधाएं उत्पन्न कीं. इसके बावजूद बिहार सरकार ने यह सर्वे कर दिखाया, जिससे यह तथ्य सामने आया कि राज्य की 63% आबादी ओबीसी और ईबीसी वर्ग से आती है. उन्होंने कहा कि ऐसी ही तस्वीर पूरे देश में उभर सकती है.

Caste census: तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जाति जनगणना को लेकर कर दी ये बड़ी मांग 2

परिसीमन की प्रक्रिया में भी हो आंकड़ों का उपयोग

तेजस्वी ने केंद्र सरकार से मांग की कि जनगणना का उद्देश्य केवल आंकड़े जुटाना न होकर, सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण नीतियों को जनसंख्या के अनुरूप पुनर्गठित करना होना चाहिए. उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया में भी इन आंकड़ों का समुचित उपयोग होना चाहिए ताकि वंचित तबकों को लोकतांत्रिक भागीदारी का पूरा अवसर मिले.

पत्र में तेजस्वी ने इस बात पर भी जोर दिया कि निजी क्षेत्र को भी सामाजिक न्याय की दिशा में जिम्मेदारी निभानी होगी. उन्होंने कहा कि जो निजी उद्योग सरकारी संसाधनों का लाभ उठाते हैं, उन्हें भी समाज की विविधता का सम्मान करते हुए रोजगार और प्रतिनिधित्व में समावेशिता सुनिश्चित करनी चाहिए.

तेजस्वी ने पीएम मोदी से की खास अपील

तेजस्वी यादव ने पत्र के अंत में प्रधानमंत्री से अपील की कि इस ऐतिहासिक निर्णय को केवल घोषणा तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए. उन्होंने भरोसा दिलाया कि बिहार इस प्रक्रिया में केंद्र सरकार को रचनात्मक सहयोग देगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल आंकड़ों की लड़ाई नहीं है, बल्कि सम्मान और सशक्तिकरण का भी प्रश्न है.

Also Read: चार साल बाद Air India की वापसी, गया से दिल्ली के लिए इस दिन से सीधी उड़ान सेवा शुरू