बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस ने लांच किया ‘संविधान लीडरशिप प्रोग्राम’, ऑनलाइन फॉर्म के जरिए होगी एंट्री

Bihar Politics: कांग्रेस ने बिहार चुनाव से पहले ‘संविधान लीडरशिप प्रोग्राम’ की शुरुआत की है. इसका मकसद पिछड़े, दलित और वंचित समुदायों के युवाओं को नेतृत्व में लाना है. ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर…

By Aniket Kumar | June 1, 2025 12:39 PM

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक नई और प्रभावशाली पहल की शुरुआत की है. ‘संविधान लीडरशिप प्रोग्राम’ नामक इस अभियान का उद्देश्य है, पिछड़े, दलित, महादलित, अल्पसंख्यक और ईडब्ल्यूएस समुदायों के युवाओं को नेतृत्व के लिए तैयार करना. कांग्रेस का यह कदम ना केवल राजनीति में वंचित वर्गों की भागीदारी को बढ़ावा देगा, बल्कि उन्हें जमीन से जोड़कर लोकतांत्रिक संघर्ष का चेहरा भी बनाएगा.

ऑनलाइन फॉर्म से होगी एंट्री

इस कार्यक्रम के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को कांग्रेस की तरफ से जारी लिंक पर जाकर एक फॉर्म भरना होगा. इसमें नाम, पता, उम्र, जिला, विधानसभा क्षेत्र, जातीय वर्ग, उपजाति जैसी जानकारियों के साथ फेसबुक आईडी लिंक भी देना जरूरी होगा. साथ ही आवेदकों को यह भी स्पष्ट करना होगा कि वे मीटिंग, ट्रेनिंग और अभियान में यात्रा करने के लिए तैयार हैं या नहीं. साथ ही यह भी बताना होगा कि वे ‘व्हाइट टी-शर्ट’ आंदोलन का हिस्सा बनकर अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करना चाहते हैं या नहीं.

विभिन्न वर्गों के लिए नेतृत्व के अवसर

इस कार्यक्रम का फोकस महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों जैसे हाशिए पर रहे वर्गों पर है. चयनित प्रतिभागियों को अपने जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में कम्युनिटी ऑर्गेनाइज़र और मोबिलाइज़र के रूप में काम करने का मौका मिलेगा. इनकी जिम्मेदारी होगी कि वे स्थानीय समुदायों की आवाज़ बनें, उनके अधिकारों और गरिमा की रक्षा करें, और उन्हें सामाजिक व राजनीतिक रूप से जागरूक करें.

वर्तमान कार्य की जानकारी भी जरूरी

फॉर्म में यह भी पूछा गया है कि आवेदक वर्तमान में क्या कार्य कर रहे हैं. इसमें सामाजिक नेता, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, छात्र नेता, आशा कर्मी, पंचायत सदस्य, मिड-डे मील रसोइया, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका जैसे विकल्प दिए गए हैं. इसके आधार पर कांग्रेस यह जानना चाहती है कि कौन-कौन से लोग पहले से जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं, और उन्हें इस अभियान से कैसे जोड़ा जा सकता है.

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