Bihar News: पटना में आज ‘नो हॉर्न डे’, लाउडस्पीकर के लिए आया ये निर्देश

Bihar News: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. सक्षम प्राधिकार के अनुमति के बिना लाउडस्पीकर, लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग वर्जित है. रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर, डीजे, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग वर्जित है.

By Ashish Jha | August 10, 2025 10:27 AM

Bihar News:पटना. राजधानी पटना शहर में विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् की ओर से हर रविवार को नो हॉर्न डे मना रहा है. बोर्ड की ओर से शहरवासियों से अपील की गई है कि हर रविवार को वाहन चालक अपने वाहन का हार्न न बजाएं, ताकि शहरवासियों को ध्वनि प्रदूषण से राहत मिल सके. शहर में अभी भी अनावश्यक हार्न बजाने की प्रवृति बनी हुई है. बोर्ड की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है कि हर रविवार को ‘नो हार्न डे’ का पालन करें. आवश्यकता न होने पर किसी भी दिन अनावश्यक हार्न बजाने से बचें.

2 अक्टूबर तक चलेगा अभियान

विशेष रूप से शहर के शांत घोषित क्षेत्रों के आसपास ध्वनि प्रदूषण न करें. ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है. छोटा सा सहयोग, शहर के वातावरण और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा योगदान होगा. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद पटना 2 अक्टूबर तक बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा. शहर को चार जोन में बांटकर बोर्ड की टीम नो हॉर्न डे और बेवजह हॉर्न नहीं बजाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है. प्रत्येक रविवार को हॉर्न नहीं बजाने के प्रयास की लोगों ने भी सराहना की है.

रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच डीजे बंद

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. सक्षम प्राधिकार के अनुमति के बिना लाउडस्पीकर, लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग वर्जित है. रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर, डीजे, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग वर्जित है. रात्रि एवं शांत क्षेत्र में जिसमें न्यायालय, अस्पताल,शैक्षणिक
संस्थान और आवासीय क्षेत्रों एवं संवेदनशील क्षेत्र, जिसमें सचिवालय, विधानमंडल, राजभवन, जैविक उद्यान आदि क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में शोर उत्पन्न करना वर्जित है. ध्वनि प्रदूषण नियम-2000 के प्रावधानों के उल्लंघन पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 की धारा 15 में आर्थिक दंड लगाया जा सकेगा. नियमों का उल्लंघन करने पर डीजे समेत अन्य उपकरण जब्त किए जा सकते हैं.

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