राहत! बिहार में अनुकंपा के आधार पर 45% अंकों की अनिवार्यता खत्म, सीधी भर्ती के लिए ये होगा नियम
Bihar News: विद्यालय लिपिक पद पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में अभ्यर्थी को इंटरमीडिएट में 45 प्रतिशत और विद्यालय परिचारी पद पर नियुक्ति के लिए मैट्रिक में 45 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता अब खत्म कर दी गई है. वहीं, सीधी भर्ती के लिए 45 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता रखी गई है.
Bihar News: विद्यालय लिपिक पद पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में अभ्यर्थी को इंटरमीडिएट में 45 प्रतिशत और विद्यालय परिचारी पद पर नियुक्ति के लिए मैट्रिक में 45 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता अब खत्म कर दी गई है. वहीं, सीधी भर्ती के लिए 45 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता रखी गई है. शिक्षा विभाग के सचिव दिनेश कुमार ने शुक्रवार को इस संबंध में एक आदेश जारी किया है.
क्या है शिक्षा विभाग का आदेश
मिली जानकारी के अनुसार आदेश में कहा गया है कि आयोग के माध्यम से विद्यालय लिपिक पद पर सीधी भर्ती प्रक्रिया में 45 प्रतिशत अंकों के साथ इंटरमीडिएट या राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से मौलवी या कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से उपशास्त्री उत्तीर्ण की अनिवार्यता रहेगी.
समस्या के बाद सरकार की पहल
इन दिनों अनुकंपा के आधार पर विद्यालय लिपिक पद पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी है. जानकारी मिली है कि नियमावली में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंको की बाध्यता होने की वजह से कई अभ्यर्थियों का अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में समस्या हो रही है.
दो सौ सीएचओ को मिला नियुक्ति पत्र
इसके अलावा शुक्रवार को बेगूसराय में समाहरणालय स्थित कारगिल विजय भवन में जिले के दौ सौ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया. साथ ही मौके पर 145 स्वास्थ्य उपकेंद्रों का शुभारंभ भी किया गया.
बिहार का ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मील का पत्थर
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री व सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि यह स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा. यह कदम न सिर्फ जिला बल्कि राज्य स्तर पर भी स्वास्थ्य सेवा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा. सीएचओ की नियुक्ति से हर गांव में लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी. छोटी-छोटी बीमारियों के लिए लोगों को दूर के अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
इसे भी पढ़ें: बिहार में यहां 16 करोड़ से बदलेगी 36 सड़कों की तस्वीर, सुगम यातायात के साथ विकास को मिलेगी नई गति
