Bihar News: बिहार में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी-रोजगार देने का ये है मास्‍टर प्‍लान, ‘न्यू ऐज इकोनॉमी’ पर सरकार का फोकस

Bihar News: बिहार सरकार ने अगले पांच सालों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है. इसे लेकर सरकार की तरफ से खास रोडमैप तैयार किया गया है. बिहार के ज्यादा से ज्यादा युवा रोजगार और नौकरी से जुड़ें, इसके लिये ‘न्यू ऐज इकोनॉमी’ पर फोकस किया जायेगा. ऐसे में सरकार की प्लानिंग क्या कुछ है, आइये जानते हैं...

By Preeti Dayal | November 26, 2025 2:15 PM

Bihar News: बिहार में नयी सरकार के गठन के तुरंत बाद रोजगार को लेकर सबसे बड़ा ऐलान किया गया. जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम और परिमल कुमार ने कहा, अगले पांच साल यानी 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है. दावा है कि 2020 से 2025 के बीच पहले ही 50 लाख से अधिक युवा रोजगार और सरकारी नौकरियों से जुड़े हैं. अब इस मिशन को नेक्सट लेवल पर ले जाने के लिए सरकार ‘न्यू ऐज इकोनॉमी’ पर फोकस कर रही है. आखिर यह न्यू ऐज इकोनॉमी क्या है और इससे युवाओं को क्या मिलेगा? आइए समझते हैं…

क्या है ‘न्यू ऐज इकोनॉमी’?

सीधे शब्दों में कहें तो इसका अर्थ नए जमाने की अर्थव्‍यवस्‍था से है. जिसमें टेक्नोलॉजी, सर्विस सेक्टर, ग्लोबल वर्क कल्चर, इनोवेशन बेस्ड जॉब्स आते हैं. इसे और आसान भाषा में कहा जा सकता है कि ‘वह आर्थिक मॉडल, जिसमें नौकरियां सिर्फ फैक्ट्रियां लगाकर नहीं, बल्कि आईटी और सॉफ्टवेयर सर्विस, ग्लोबल बैक-एंड प्रोसेसिंग, ई-कॉमर्स, डिजिटल सेवाएं देकर, फिनटेक, एडटेक, हेल्थटेक, स्टार्टअप्स, इनोवेशन सेंटर्स, स्किल-बेस्ड सर्विस इंडस्ट्री आदि अर्थव्‍यवस्‍था का केंद्र होती है.

ये है सरकार की मंशा

सरकार का टारगेट है कि आने वाले पांच सालों में बिहार को ऐसा राज्य बनाया जाए जहां से दुनिया की कंपनियां अपना बैक-एंड वर्क कराएं. जैसे डेटा एनालिटिक्स, कोडिंग, सपोर्ट सेंटर, डिजाइनिंग, डिजिटल मार्केटिंग आदि. यह वही मॉडल है, जिसके जरिए बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे को नौकरी का बड़ा केंद्र बनाया.

5 साल में रोजगार का ये है मास्टर प्लान

बिहार सरकार की ओर से 1 करोड़ युवाओं को रोजगार और नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है. यह लक्ष्‍य 5 साल में पूरा किया जाएगा. जिसे पूरा करने के लिए 2025 से 2030 तक का एक खास रोडमैप तैयार है. जिसे सरकारी नौकरियों, निजी सेक्टर की नौकरियों और स्व-रोजगार तीनों को मिलाकर पूरा किया जाएगा. याद दिला दें, नीतीश कुमार के पिछले शासनकाल से इस मास्‍टर प्‍लान पर काम शुरू कर दिया गया था. इस प्‍लान के तहत सभी जिलों में इंडस्‍ट्रियल एरिया बनाने के लिए जमीनों का अधिग्रहण शुरू कर दिया गया था.

उद्योगों को मिलेगा तेजी से बढ़ावा

नई सरकार बनते ही उद्योगों को बुलाने के लिए नई पॉलिसियों की तैयारी शुरू कर दी गई है. निवेश को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम मजबूत किया जा रहा है. ताकि बाहर से आने वाले निवेशकों को यहां उद्योग की स्‍थापना में किसी प्रकार की कोई दिक्‍कत ना हो. बिहार में लॉजिस्टिक्स, फूड प्रोसेसिंग, टेक पार्क पर फोकस किया जा रहा है. हर जिले में MSME क्लस्टर को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाने को लेकर सरकार की तरफ से आकर्षक प्‍लान पर भी काम किया जा रहा है.

‘ग्लोबल बैक-एंड हब’ बनाने पर हो रहा काम

सरकार की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि बिहार ग्‍लोबल बैक-एंड हब के रूप में विकसित हो, इसके लिए भी बड़ी योजना पर काम किया जा रहा है. बड़ी कंपनियों के BPO, KPO, IT सर्विस सेंटर लाना सरकार की प्राथमिकता में है. बिहार के हजारों लाखों युवाओं को बिहार में घर बैठे ही रोजगार मिले, इसके लिए बीपीओ ओर केपीओ सेंटर का होना जरूरी है. डिजिटल वर्कफोर्स तैयार करना भी सरकार के प्राथमिक एजेंडे में है.

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब की स्थापना

बिहार को ‘न्यू ऐज इकोनॉमी’ बनाने के लिए टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन से लैस करना होगा. इसके लिए सरकार का प्रयास है कि पटना, गया, दरभंगा और भागलपुर में टेक-इनोवेशन जोन तैयार किए जाएं. इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को स्टार्टअप हब से जोड़ने की रणनीति बनाई गई है. इसके तहत युवाओं को मुफ्त तकनीकी ट्रेनिंग दी जाएगी और इंटर्नशिप प्रोग्राम से जोड़ कर उन्‍हें इनोवेशन से परिचित कराया जाएगा.

बिहार सरकार का सबसे बड़ा एजेंडा

नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार ने रोजगार को अपना सबसे बड़ा एजेंडा घोषित कर दिया है. ‘न्यू ऐज इकोनॉमी’ को आधार बनाकर बिहार को अगले पांच साल में डिजिटल–इनोवेशन हब में बदलने की कोशिश हो रही है. सरकार मानती है कि यह मॉडल ना सिर्फ 1 करोड़ युवाओं के रोजगार के लक्ष्य को पूरा करेगा, बल्कि बिहार को एक नई आर्थिक पहचान भी देगा. अगर यह प्लान जमीन पर उसी रफ्तार से उतरा, जैसा दावा किया जा रहा है, तो आने वाले वर्षों में बिहार देश के सबसे तेजी से बढ़ते रोजगार केंद्रों में शामिल हो सकता है.

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