सावधान! इस वजह से नवजात में बढ़ा बीमारियों का खतरा, पीएमसीएच पहुंचे इतने मामले
Bihar News: समय से पहले प्रसव की घटना चिंता का विषय बन गई है. इस तरह के बढ़ते मामले को देखते हुए व बीमारी को कंट्रोल करने के उद्देश्य से शहर के पीएमसीएच अस्पताल के शिशु व स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की संयुक्त टीम ने शोध करने का निर्णय लिया है.
Bihar News, आनंद तिवारी: समय से पहले प्रसव की घटना को हल्के में लेने वालों के लिए चिंता की खबर है. क्योंकि बीते कुछ सालों में समय से पहले प्रसव के मामले बढ़े हैं. पटना ऑब्स व गायनी सोसाइटी व शिशु रोग विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, पटना एम्स व गर्दनीबाग अस्पताल के अलावा कुछ बड़े निजी अस्पतालों में एक साल में करीब 25 प्रतिशत ऐसे मामले आ चुके हैं.
200 प्रसूताओं पर होगा शोध
बढ़ते मामले को देखते हुए व बीमारी को कंट्रोल करने के उद्देश्य से अब शहर के पीएमसीएच अस्पताल के शिशु व स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की संयुक्त टीम ने शोध करने का निर्णय लिया है. जिसमें 200 प्रसूताओं को शामिल किया जायेगा. इसमें 100 प्रसूताएं ऐसी होंगी जिनका समय से पहले प्रसव हुआ होगा और समय पर प्रसव होने वाली महिलाओं को शामिल किया जायेगा. अस्पताल प्रशासन की तरफ से शोध करने की मंजूरी दे दी गई है. जिसमें जूनियर डॉक्टरों के अलावा असिस्टेंट, एसोसिएट भी शामिल रहेंगे.
जान बचाने को समय से पहले प्रसव
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि बदलती लाइफ स्टाइल व प्रेग्नेंसी को गंभीरता से न लेने की वजह से मामले बढ़े हैं. पीएमसीएच में इस तरह के मामलों में मां या बच्चे की जान बचाने के लिए समय से पहले प्रसव करना पड़ रहा है. कुछ आठ महीने से पहले के होते हैं और कुछ सात महीने के. सात महीने में पैदा होने वाले बच्चों को एनआइसीयू में रखना जरूरी होता है. ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
प्रेग्नेंसी के समय अलर्ट रहना जरूरी
पीएमसीएच शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ भूपेंद्र नारायण सिंह व स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एसोसिएट प्रो डॉ अमूरा राय ने बताया कि गर्भधारण के पहले अगर ऐसी महिला जिनका एक या दो महीने से पहले अचानक खुद से गर्भपात हो गया तो एसी महिलाओं को प्रेग्नेंसी के समय अलर्ट रहना चाहिए, महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले या बाद में नियमित जांच की जरूरत होती है…
ऐसे करें बचाव
- गर्भवतियों को पेट में दर्द होते ही डॉक्टर को दिखाएं
- गर्भधारण के बीच तीन साल का अंतर रखें
- एक बार समय से पहले प्रसव होने पर दूसरी बार गर्भधारण के बाद डॉक्टर को दिखाएं
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
क्या है कारण
- बच्चेदानी में समस्या होने पर
- शरीर के किसी भी भाग में संक्रमण होने पर
- एक बार प्रीटर्म डिलीवरी होने पर दूसरी बार भी समय से पहले प्रसव का खतरा
- दांतों में कीड़े लगने पर भी
इसे भी पढ़ें: Bihar News: बिहार में स्कूलों के लिए नया फरमान, अगले महीने से ऐसे बनाई जाएगी हाजिरी
