Bihar News: बिहार में 241.71 करोड़ से बन रहे 41 शवदाह गृह, पटना को मिलेगा राज्य का पहला मॉडर्न श्मशान घाट
Bihar News: बिहार में अंतिम संस्कार की सुविधाओं को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने के लिए राज्य सरकार ने ‘7 निश्चय’ योजना के तहत बड़ी पहल की है. 241.71 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेशभर में 41 शवदाह गृह बनाए जा रहे हैं, जिनमें कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.
Bihar News: बिहार में शहरी आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री के ‘7 निश्चय’ कार्यक्रम के तहत पूरे प्रदेश में 41 आधुनिक शवदाह गृहों के निर्माण की योजना पर तेजी से काम चल रहा है. कुल 241.71 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही इस योजना का उद्देश्य अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को सम्मानजनक, सुव्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है.
राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक 11 शवदाह गृहों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष 30 शवदाह गृह विभिन्न चरणों में निर्माणाधीन हैं. इन सभी परियोजनाओं का निर्माण बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) द्वारा किया जा रहा है. यह योजनाएं ‘आत्मनिर्भर बिहार’ के दूसरे चरण के अंतर्गत स्वीकृत की गई थीं.
बुडको को समय-सीमा का सख्त निर्देश
बुडको के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए और गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न किया जाए. उन्होंने कहा कि तय समय-सीमा के भीतर सभी योजनाओं को पूरा करना प्राथमिकता है, ताकि आम लोगों को इसका लाभ जल्द से जल्द मिल सके.
ये 11 शवदाह गृह हो चुके हैं पूरे
राज्य के अलग-अलग जिलों में अब तक जिन शवदाह गृहों का निर्माण पूरा हो चुका है, उनमें किशनगंज (5.50 करोड़), अररिया (5.10 करोड़), दरभंगा (9.72 करोड़), रिविलगंज (4.23 करोड़), सिवान (8.93 करोड़), सुपौल (5.64 करोड़), गोपालगंज (4.25 करोड़), अरवल (4.65 करोड़), जहानाबाद (9.06 करोड़), सासाराम (4.35 करोड़) और आरा (4.04 करोड़) शामिल हैं. इन शवदाह गृहों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित हो सके.
जनवरी 2026 तक तीन और योजनाएं होंगी पूरी
बुडको के अनुसार जनवरी 2026 तक बिहारशरीफ (9.44 करोड़), सहरसा (9.02 करोड़) और बेतिया (2.86 करोड़) में शवदाह गृहों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. इन परियोजनाओं पर कार्य अंतिम चरण में है.
पटना में विशेष व्यवस्था, बन रहे ‘मोक्ष द्वार’ और ‘बैकुंठ द्वार’
दक्षिण बिहार में राजधानी पटना के बांस घाट पर 89.40 करोड़ रुपये की लागत से भव्य शवदाह गृह का निर्माण किया जा रहा है. यह परियोजना कई मायनों में खास है. परिसर में दो बड़े तालाब बनाए गए हैं, जिनमें गंगा नदी का पानी पाइपलाइन के माध्यम से पहुंचेगा. इसके अलावा यहां ‘मोक्ष द्वार’ और ‘बैकुंठ द्वार’ का निर्माण किया जा रहा है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से इस स्थल को विशेष पहचान देगा.
पटना के अलावा जहानाबाद (7.89 करोड़), अरवल (3.91 करोड़), रोहतास (4.06 करोड़), नालंदा (7.70 करोड़), गया (3.36 करोड़), भागलपुर (9.38 करोड़) और आरा (3.77 करोड़) में भी शवदाह गृहों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
मार्च 2026 तक पूरी होंगी 13 और योजनाएं
राज्य सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक शेष योजनाओं को भी पूरा करने का है. इस सूची में कटिहार (4.64 करोड़), बिहटा (10.02 करोड़), पूर्णिया (10.40 करोड़), गया (3.96 करोड़), समस्तीपुर (2.45 करोड़), भागलपुर (11.17 करोड़), मनिहारी (9 करोड़), खगड़िया (5.31 करोड़), सीतामढ़ी (4.59 करोड़), मोतिहारी (7.68 करोड़), मुजफ्फरपुर (8.87 करोड़), बक्सर (8.72 करोड़) और हाजीपुर (1.78 करोड़) शामिल हैं.
अंतिम संस्कार को मिलेगी गरिमा
राज्य सरकार का मानना है कि इन आधुनिक शवदाह गृहों के निर्माण से न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में अंतिम संस्कार की सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा. ‘7 निश्चय’ योजना के तहत यह पहल बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सामाजिक गरिमा को भी मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
