Bihar New Expressway: बिहार को मिली नई उड़ान, इस एक्सप्रेस-वे पर हवा से बातें करेंगी गाड़ियां

Bihar New Expressway: बिहार में दो बड़ी सड़क परियोजनाओं, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे और रामजानकी मार्ग, को मंजूरी मिली है. यह योजनाएं बिहार की कनेक्टिविटी, औद्योगिक विकास और पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाएंगी. इससे न सिर्फ यात्रा आसान होगी बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी गति आएगी. पढ़ें पूरी खबर…

By Aniket Kumar | May 25, 2025 9:32 AM

Bihar New Expressway: बिहार के सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे और रामजानकी मार्ग के निर्माण को मंजूरी दे दी है. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 525.6 किमी है, जिसमें से 417 किमी बिहार में बनेगा. यह हाई-स्पीड सिक्स-लेन एक्सप्रेस-वे वाहनों को 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने की सुविधा देगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत 27,522 करोड़ रुपये है, जो प्रति किलोमीटर करीब 66 करोड़ रुपये बनती है.

बिहार में इन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे

यह बिहार का तीसरा स्वीकृत एक्सप्रेस-वे होगा जो वाराणसी-कोलकाता और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के बाद मंजूरी प्राप्त कर रहा है. यह सड़क उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ते हुए यातायात समय और लागत दोनों को कम करेगी. बिहार में यह सड़क पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे जिलों से गुजरेगी. इससे इन क्षेत्रों में औद्योगिक, आर्थिक और पर्यटन गतिविधियों को बल मिलेगा.

रामजानकी मार्ग के तहत फोरलेन बनेंगी सड़कें

रामजानकी मार्ग के अंतर्गत मशरख से चकिया और फिर भिट्ठा मोड़ तक की सड़क को फोरलेन बनाने की योजना है. इसकी बिहार में लंबाई 251 किमी और उत्तर प्रदेश में 185.5 किमी है, जिसकी अनुमानित लागत 7,269 करोड़ रुपये है. इसकी डिज़ाइन स्पीड 100 किमी/घंटा रखी गई है. सड़क परियोजना में 103 किमी हरित क्षेत्र और 42 किमी वर्तमान अलाइनमेंट पर निर्माण प्रस्तावित है. डुमरसन, केसरिया, चकिया-मधुबन, नया गांव शिवहर, बथनाहा-कुमहां और सुरसंड में बायपास भी बनाए जाएंगे.

521.44 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण

दोनों परियोजनाओं के 21.6 किमी हिस्से का अलाइनमेंट समानांतर चलेगा. इसके लिए 521.44 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसकी लागत 2,731 करोड़ रुपये होगी. इस संयुक्त परियोजना में 7 बड़े पुल, 43 छोटे पुल, 6 वायाडक्ट्स, 6 आरओबी और 28 वीयूपी शामिल होंगे. यह परियोजनाएं न केवल बिहार की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी बल्कि आर्थिक विकास, कृषि बाजारों और पर्यटन को भी नई दिशा देंगी.

ALSO READ: Bihar Teacher: ट्यूशन पढ़ाया तो नपेंगे सरकारी शिक्षक, ACS सिद्धार्थ ने बच्चों को भी दी सख्त हिदायत