होली के बाद बदल जायेगा बिहार में जमीन के दाखिल- खारिज का तरीका, जानें अब कैसे होगा प्रॉपर्टी का म्यूटेशन…

होली के बाद सरकार राज्य के करोड़ों लोगों को बड़ी सौगात देने जा रही है. लोगों को जमीन के दाखिल- खारिज के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय नहीं जाना होगा. आवेदन भी नहीं करना होगा. 31 मार्च से मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन की प्रक्रिया ऑटोमैटिक (स्वत:) शुरू हो जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2021 7:18 AM

होली के बाद सरकार राज्य के करोड़ों लोगों को बड़ी सौगात देने जा रही है. लोगों को जमीन के दाखिल- खारिज के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय नहीं जाना होगा. आवेदन भी नहीं करना होगा. 31 मार्च से मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन की प्रक्रिया ऑटोमैटिक (स्वत:) शुरू हो जायेगी.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार, अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह 31 मार्च को सूमोटो म्यूटेशन ‘ की व्यवस्था को लांच करेंगे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आइटी शाखा, एनआइसी पटना और निबंधन विभाग ने इसके लिए सभी जरूरी तैयारी कर ली है. अभी लोगों को म्यूटेशन के लिए रजिस्ट्री कराने के बाद डीड की फोटो कॉपी लगाकर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है.

अभी यह सुविधा सिर्फ उन्हीं क्रेताओं को दी जायेगी जिन्होंने जमाबंदीदार रैयत से जमीन की खरीद की हो वैसे विक्रेता जिनके नाम पर जमाबंदी कायम नहीं है और उनके नाम से रसीद भी नहीं कटता है उनसे अगर जमीन की खरीद करते हैं तो पहले की तरह ही ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया के तहत दाखिल- खारिज कराना होगा.

Also Read: Bihar School News: बिहार में खुले रहेंगे सभी स्कूल व कॉलेज, सीएम नीतीश ने कहा- जारी रहेगी बच्चों की पढ़ाई

अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विवेक कुमार सिंह का कहना है कि सूमोटो म्यूटेशन भूमि सुधार की दिशा में एक क्रांति होगी. इसमें ‘ फिटो ‘ (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट )की व्यवस्था लागू है. रैयत को पहले दो प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. पहला निबंधन और फिर म्यूटेशन, अब एक ही बार में दोनों काम हो जायेगा . अगर विक्रेता अपने नाम से जमाबंदी करा लेते हैं तो इससे विक्रेता और क्रेता दोनों को सहूलियत होगी. साथ ही जमाबंदी को अपडेट कराने के विभाग के प्रयासों को भी बल मिलेगा.

ऑनलाइन म्यूटेशन की समय सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. पहले की तरह सामान्य मामलों में 35 दिन एवं आपत्ति विवाद में 75 दिन होगा. दस्तावेज अधूरा होने की स्थिति में आवेदक को कागजात प्रस्तुत करने के लिए अलग से ऐसे मैसेज भेजने की शुरुआत भी 26 मार्च से शुरू हो रही है.

एनआइसी के तकनीकी निदेशक संजय कुमार ने बताया कि रजिस्ट्री के लिए क्रेता और विक्रेता जब रजिस्ट्रार के सामने डीड पेश करेंगे तो सूमोटो म्यूटेशन के लिए फार्म मिल जायेगा. निबंधक के सामने ही उसे भरकर देना होगा. इसके कुछ घंटों बाद (रात तक ) एनआइसी जमीन के डेटा को रजिस्ट्रेशन डिपार्डमेंट के सर्वर से लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आनलाइन सर्वर पर अपलोड कर देगा.

साफ्टवेयर को अपडेट कर ऐसी प्रणाली विकसित की है कि जमीन की रजिस्ट्री होते ही डीड (दस्तावेज) पीडीएफ फॉर्मेट में अंचल अधिकारी के लॉगिन में चला जायेगा. सीओ तुरंत ही म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसकी रजिस्ट्री पहले होगी म्यूटेशन भी उसका पहले हो जायेगा.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version