Bihar flood: गंगा का उफान, पटना के घाट जलमग्न, प्रशासन अलर्ट मोड पर
Bihar flood: घुटनों तक चढ़ आया गंगा का पानी, बंद हुआ मंदिर का द्वार और थम गया घाटों का रास्ता—पटना की सड़कों और घाटों पर फिर से बाढ़ का खौफ लौट आया है.
Bihar flood: बिहार में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. अचानक आई इस बाढ़ जैसी स्थिति ने पटना शहर के घाटों और संपर्क मार्गों को जलमग्न कर दिया है. भद्रघाट, महावीर घाट और नौजर घाट जैसे प्रमुख स्थानों पर पानी पाथ-वे तक पहुंच गया है.
हालात इतने बिगड़ गए हैं कि महावीर घाट से सटे मंदिर तक पानी पहुंच जाने के कारण उसका मुख्य द्वार बंद करना पड़ा. प्रशासन ने लोगों को घाटों से दूर रहने और सावधानी बरतने की अपील की है.
घाटों पर बढ़ते पानी का खतरा
गंगा के जलस्तर में अचानक आई बढ़ोतरी से पटना के कई घाटों पर जनजीवन प्रभावित हुआ है. महावीर घाट पर पानी घुटनों तक पहुंच गया, जिससे वाहनों का परिचालन रोक दिया गया. धार्मिक अनुष्ठानों और गंगा स्नान पर भी रोक लगा दी गई है. वहीं, मंदिरों के द्वार बंद कर दिए गए ताकि श्रद्धालु जोखिम उठाकर वहां न जाएं.
शनिवार को एसडीओ सत्यम सहाय और एसडीपीओ राजकिशोर सिंह ने हालात का जायजा लिया. निरीक्षण के बाद अजीमाबाद और सिटी अंचल के ईओ को घाटों पर साइनेज बोर्ड लगाने और बैरिकेडिंग करने का निर्देश दिया गया. प्रशासन ने महिलाओं और बच्चों को घाटों पर न जाने की सलाह दी है और गंगा स्नान पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है. साथ ही, अफवाहों से दूर रहने और आपदा की स्थिति में दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है.
खतरे को नजरअंदाज कर रहे लोग
प्रशासन की चेतावनी के बावजूद कई लोग खतरे को नजरअंदाज कर गंगा के पानी में उतर रहे हैं. बाइक सवार, ऑटो चालक और पैदल यात्री जलमग्न पथ पर सफर करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, कई बच्चे और युवक गंगा के पानी में तैरकर अठखेलियां कर रहे हैं. यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है.
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, भद्रघाट पर पहले से ही एसएसबी के जवान तैनात हैं, जो लगातार निगरानी कर रहे हैं. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बारिश तेज हुई, तो गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है. इसका सीधा असर पटना समेत गंगा किनारे बसे इलाकों पर पड़ेगा. जलभराव और बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे आमजन को और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
प्रशासन ने साफ कहा है कि घाटों पर अनावश्यक भीड़ न लगाएं, बच्चों को पानी में न जाने दें और वाहनों के जरिए पानी पार करने की कोशिश बिल्कुल न करें. यह कदम जान जोखिम में डालने के समान है. हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में और भी सख्ती बरती जा सकती है.
नदियों के उफान में शहर की बेचैनी
गंगा का बढ़ता पानी सिर्फ घाटों और मंदिरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरे शहर की दिनचर्या प्रभावित होने लगी है. जलमग्न पथों ने लोगों की आवाजाही रोक दी है. श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठानों से वंचित हो रहे हैं, जबकि स्थानीय निवासी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए परेशान हैं.
यह स्थिति गंगा के रौद्र रूप और शहर की असुरक्षा दोनों को उजागर करती है.
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