Bihar Flood Alert: पटना में गंगा का जलस्तर डेंजर लेवल के पार, बिहार के इन जिलों में भी बजने लगी खतरे की घंटी

Bihar Flood Alert: पटना में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए गांधी घाट और हथीदह में खतरे के निशान को पार कर चुका है. इससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. प्रशासन अलर्ट मोड में है और हालात पर निगरानी रखी जा रही है.

By Abhinandan Pandey | July 18, 2025 8:47 PM

Bihar Flood Alert: बिहार में गंगा नदी का रौद्र रूप मुंगेर तक पहुंच गया है. प्रयागराज से लेकर भागलपुर तक गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे मुंगेर में भी खतरे की घंटी बजने लगी है. फिलहाल गंगा का जलस्तर 37.78 मीटर पर पहुंच चुका है, जो जिले के वार्निंग लेवल 38.33 मीटर से महज 54 सेंटीमीटर नीचे है. प्रशासन की मानें तो प्रति घंटे जलस्तर में एक सेंटीमीटर की दर से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में अगले दो दिनों में गंगा का पानी डेंजर लेवल यानी 39.33 मीटर को पार कर सकता है.

पटना के गांधी घाट और हथीदह में गंगा खतरे के निशान पार

पटना के गांधी घाट और हथीदह में गंगा पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुकी है, जिसका असर अब मुंगेर में दिख रहा है. जिले के तारापुर दियारा, जाफरनगर, कुतलूपुर, टीकारामपुर और बरियारपुर के निचले इलाकों में गंगा का पानी फैल गया है. इससे इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. ग्रामीण मवेशियों के चारे और अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुटे हैं.

तटवर्ती इलाकों से हो रहा पलायन, प्रशासन ने पंजीकृत कीं 84 नावें

गंगा का रौद्र रूप देखते हुए तटीय गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं. प्रशासन ने राहत कार्य के लिए 84 प्राइवेट नावों का पंजीकरण किया है. साथ ही, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बावजूद इसके, स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक जलस्तर डेंजर लेवल पार नहीं कर जाता, तब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस राहत नहीं मिलती.

हर साल बाढ़ और कटाव से जूझते टीकारामपुर के ग्रामीण

मुंगेर के टीकारामपुर, आदर्श ग्राम टीकारामपुर और आसपास के पंचायतों के लोग हर साल बाढ़ और कटाव की त्रासदी झेलते हैं. ग्रामीणों ने कई बार बंडाल निर्माण की मांग उठाई है ताकि कटाव से स्थाई समाधान मिल सके, मगर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

प्रशासन का दावा- राहत की पूरी तैयारी

एसडीओ सदर सह प्रभारी जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी कुमार अभिषेक ने कहा कि निचले इलाकों में जरूरत के अनुसार नावों की व्यवस्था की गई है. डेंजर लेवल पार होते ही 72 चयनित आश्रय स्थलों पर भोजन, पानी और रहने की पूरी व्यवस्था की जाएगी. सरकारी गाइडलाइन के अनुसार हर संभव राहत पहुंचाई जाएगी.

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