Bihar Elections 2025 : महागठबंधन में सीट बंटवारे की उलटी गिनती, बोले मुकेश सहनी— “कभी भी हो सकती है घोषणा”

Bihar Elections 2025 : बिहार में चुनावी तापमान अब सीटों की सियासी बाजी पर आ टिका है. महागठबंधन के खेमे में अब सबकी निगाहें उस घोषणा पर टिकी हैं जो कभी भी हो सकती है.

By Pratyush Prashant | October 5, 2025 7:01 PM

Bihar Elections 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल तेजी से गरमाता जा रहा है. एक ओर एनडीए सीटों के बंटवारे का खाका लगभग तैयार कर चुका है, महागठबंधन भी अंतिम रणनीतिक दौर में पहुंच चुका है. सहयोगी दलों के बीच लगातार बैठकों और बातचीत के बाद अब घोषणा का इंतजार है. इसी कड़ी में विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे की बातचीत अंतिम चरण में है और फैसला किसी भी वक्त सामने आ सकता है.

सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम पायदान पर

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे की गहमागहमी चरम पर है. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने रविवार को साफ कहा कि बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. उन्होंने भरोसा जताया कि सीट बंटवारे की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है.
पत्रकारों से बातचीत में सहनी ने कहा, “महागठबंधन में सभी चीजें सही ढंग से चल रही हैं. आज शाम को भी हमलोग फिर से बैठने वाले हैं. जल्द ही सीटों को लेकर अंतिम फैसला सामने आ जाएगा.
इस बयान के साथ ही महागठबंधन के भीतर चल रही सियासी कशमकश को लेकर लग रहे तमाम कयासों पर फिलहाल विराम लग गया है.

तेजस्वी के सुर में सुर, निष्पक्ष चुनाव पर सवाल

मुकेश सहनी ने इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने निष्पक्ष चुनाव कराने की बात कही थी. सहनी ने कहा कि देश में लोकतंत्र पर पिछले कुछ वर्षों से गंभीर हमला हो रहा है.
उन्होंने कहा, जब से नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश रची जा रही है. आज खुलेआम पैसा बांटकर वोट खरीदने की कोशिश की जा रही है. लेकिन बिहार की जनता ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकेगी.
उनका यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष लगातार केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर निष्पक्षता को लेकर सवाल उठा रहा है.

जनता है मालिक, आयोग निभाए अपना दायित्व

मुकेश सहनी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च है और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए. उन्होंने कहा, “बाबा साहेब ने संविधान में जनता को मालिक बनाया है. नेता जनता के नौकर हैं और जनता पांच साल बाद समीक्षा करती है. लेकिन चुनाव आयोग से अभी ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि उनका कामकाज एनडीए के पक्ष में दिखता है.
सहनी ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग को ही यह तय करना है कि बिहार में कितने चरणों में मतदान होंगे, लेकिन जनता इस बार मजबूती से चुनाव लड़ेगी.

महागठबंधन में रणनीति पक्की, अब नजर घोषणा पर

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से चली आ रही बातचीत अब निर्णायक मोड़ पर है. आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट और वीआईपी जैसे दलों के बीच तालमेल की कवायद इस बार पिछले चुनावों की तुलना में ज्यादा सघन दिख रही है.
सहनी के बयान से यह साफ हो गया है कि अंदरखाने समझौते पर काफी हद तक सहमति बन चुकी है और अब बस आधिकारिक ऐलान बाकी है.
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