Bihar Election 2025 : सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा वोटर लिस्ट का मुद्दा, CEO का ट्वीट बना सियासी बहस का केंद्र
Bihar Election 2025 : चुनाव से पहले बिहार में मतदाता सूची को लेकर उठ रहे सवाल अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचे हैं. इस बीच राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के एक ट्वीट ने राजनीतिक हलचल और तेज कर दी है.
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण और पारदर्शिता को लेकर बहस तेज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मतदाता सूची से जुड़ी प्रक्रिया पर सवाल उठे, तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक अहम जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि 9 अक्टूबर तक किसी भी जिला मजिस्ट्रेट के पास मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने को लेकर कोई अपील दर्ज नहीं हुई है. यह बयान चुनावी पारदर्शिता के सवालों के बीच एक आधिकारिक सफाई के रूप में देखा जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में भी कल की सुनवाई के दौरान यह मुद्दा चर्चा का विषय रहा है.
अदालत में बिहार की मतदाता सूची और चुनाव प्रक्रिया से संबंधित कुछ याचिकाओं पर बहस हुई. जिनमें यह सवाल उठा कि पुनरीक्षण प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से की गई या नहीं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी यह अपडेट उसी संदर्भ में एक आधिकारिक स्थिति स्पष्ट करने वाला बयान माना जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में उठा पारदर्शिता का सवाल
सुप्रीम कोर्ट में बिहार की मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया से संबंधित कुछ याचिकाओं पर बहस हुई. बहस के दौरान यह मुद्दा उठा कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया कितनी पारदर्शी और समयबद्ध रही. इसी संदर्भ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी का बयान सामने आया, जिसे अदालत में चल रही बहस का जवाब भी माना जा रहा है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक्स पर लिखा कि सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(क) के तहत 9 अक्टूबर तक किसी भी जिला मजिस्ट्रेट के पास कोई अपील या आपत्ति नहीं आई है. चुनावी पारदर्शिता पर उठते सवालों के बीच यह ट्वीट राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चा का विषय बन गया.
सूची का सत्यापन पूरा, अंतिम प्रकाशन की तैयारी
निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची का सत्यापन पूरा कर लिया गया है. अब राज्य स्तर पर डेटा समेकन और अंतिम प्रकाशन की तैयारी हो रही है. आयोग ने पहले ही पात्र मतदाताओं से अपने नाम, पते और आयु की जांच कर त्रुटि होने पर सुधार के लिए आवेदन करने की अपील की थी.
चुनावी प्रक्रिया का यह चरण सबसे अहम माना जाता है. मतदाता सूची में छोटी सी गड़बड़ी भी कई सीटों के नतीजों को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में आयोग का यह बयान कि किसी भी अपील की प्राप्ति नहीं हुई, राजनीतिक दलों के लिए राहत और चुनौती दोनों संकेत दे रहा है.
