Bihar Election 2025: राजद-जदयू की सीट पर जन सुराज की इंट्री ने टाइट किया मुकाबला, अब पुराने घरानों की बढ़ी मुश्किल
Bihar Election 2025: नवादा विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला रोचक हो गया है. दो परिवारों ने पार्टी अदला-बदली की है, इसी बीच जन सुराज की इंट्री ने समीकरण बदल दिये हैं, जिससे लड़ाई कठिन हो गयी है. जानिए नवादा के जमीनी हालात...
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Bihar Election 2025: नवादा विधानसभा सीट इस बार राजनीतिक हलकों में खास चर्चा में है. यहां के दो घरानों ने 35 साल पुरानी राजनीतिक परंपरा तोड़ते हुए अपनी-अपनी पार्टियां बदल ली हैं. इस अदला-बदली ने पूरे इलाके के चुनावी समीकरण को हिला दिया है. इस बार जन सुराज से शिक्षाविद् डॉ अनुज सिंह को टिकट मिलने के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. स्थानीय स्तर पर माना जा रहा है कि जन सुराज की इंट्री से इस बार का चुनाव ‘वन-ऑन-वन’ नहीं रहा. वहीं एआईएमआईएम भी अपने जनाधार को मजबूत करने की कोशिश में लगी है. इससे नवादा की जंग पहले से कहीं ज्यादा दिलचस्प हो गयी है.
Bihar Election 2025: तीर थामे विभा देवी बनाम लालटेन थामे कौशल यादव
राजद का झंडा ऊंचा करनेवाले राजबल्लभ यादव के परिवार की ओर से विभा देवी ने इस बार जदयू का दामन थाम लिया है. वहीं, अब तक जदयू में रहे कौशल यादव ने राजद की लालटेन पकड़ ली है. यानी, दोनों परिवारों ने अपनी-अपनी राजनीतिक निष्ठा की अदला-बदली कर ली है. इन दोनों परिवारों के बीच जारी पुरानी प्रतिद्वंद्विता को तीसरा कोण दिया है जन सुराज के उम्मीदवार डॉ अनुज सिंह ने, जो पहली बार चुनावी मैदान में हैं. उनके लगातार डेढ़ साल से चल रहे घर-घर जनसंपर्क अभियान का असर अब वोटरों पर दिखने लगा है. इधर AIMIM और निर्दलीय प्रत्याशी जितेंद्र प्रताप भी चुनावी पेच को और पेचीदा बना रहे हैं.
पुराने घरानों की मुश्किल बढ़ी, जनता असमंजस में
नवादा और नारदीगंज प्रखंडों को मिलाकर बनने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में 1990 से अब तक राजद और जदयू का ही वर्चस्व रहा है. 2015 में राजबल्लभ यादव, 2020 में विभा देवी (दोनों राजद) विजयी रहीं, जबकि 2010 में पूर्णिमा यादव ने जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी. अब, जब दोनों परिवारों ने पार्टियां बदल ली हैं, तो मतदाताओं में भी असमंजस बढ़ा है. प्रजातंत्र चौक पर अखबार खरीदते हुए दिलीप कुमार, जयप्रकाश मुन्ना व धर्मेंद्र कुमार कहते हैं, इस बार तो चुनाव फंस गया है. जन सुराज के आने से किसी की जीत तय नहीं मानी जा सकती. पार नवादा के सुधा दूध काउंटर पर बैठे सीताराम चौधरी, ज्योति प्रसाद वर्मा और तन्ने पठान बताते हैं कि जाति है कि जाती नहीं. एआईएमआईएम और निर्दलीय प्रत्याशी भी वोट काट रहे हैं. नारदीगंज बाजार में नीरज कुमार और सौरभ कुमार ने कहा कि डॉ अनुज सिंह इस बार काफी वोट काट रहे हैं, जिससे दोनों बड़े दलों की राह मुश्किल हो सकती है.
ऐसे समझिए जातीय समीकरण
नवादा विधानसभा क्षेत्र में भूमिहार और यादव जातियों का दबदबा है. लगभग 65 हजार भूमिहार और 58 हजार यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा कुशवाहा, मुसलमान और चौहान मतदाता भी अहम हैं. शहरी क्षेत्र (नवादा, कादिरगंज, नारदीगंज बाजार) में वैश्य, महादलित, पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों की उल्लेखनीय उपस्थिति है. इन समूहों का समर्थन जिस उम्मीदवार को मिलेगा, उसकी जीत की राह आसान हो जायेगी.
यहां देखें आकड़ा
- कुल वोटर – 362515
- पुरुष वोटर 188642
- महिला वोटर – 173872
- थर्ड जेंडर वोटर- 01
- कुल मतदाता : 12
