Bihar Cabinet: अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी में बनेगा मां सीता का भव्य मंदिर, बिहार सरकार ने 883 करोड़ की योजना को दी मंजूरी
Bihar Cabinet: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में सीतामढ़ी के पुनौराधाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी गई. करीब 883 करोड़ की लागत से यह धार्मिक परियोजना राज्य में आस्था और पर्यटन को नई ऊंचाई देगी.
Bihar Cabinet: बिहार सरकार ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सीतामढ़ी जिले के पवित्र स्थल पुनौराधाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 24 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण पुनौराधाम के सर्वांगीण विकास की यह महायोजना रही.
सरकार इस परियोजना पर लगभग 883 करोड़ रुपये खर्च करेगी. प्रस्ताव के अनुसार, यह राशि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, योजनाओं और विशेष निधियों से जुटाई जाएगी. परियोजना का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित करना और मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय मंच पर स्थापित करना है.
विशेष प्रबंधन समिति का किया जाएगा गठन
पुनौराधाम को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है. धार्मिक मान्यता और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यहां भव्य मंदिर, तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र, यात्री निवास, इंटरप्रिटेशन सेंटर, धार्मिक पथ, पार्किंग जोन, सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम और हरित क्षेत्र विकसित किए जाएंगे. साथ ही, क्षेत्र के समुचित रखरखाव और संचालन के लिए एक विशेष प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा.
चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा निर्माण कार्य
सरकार ने योजना के क्रियान्वयन के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली है. निर्माण कार्य को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा. पहले चरण में आधारभूत ढांचे का निर्माण और तीर्थ स्थल के सौंदर्यीकरण पर फोकस रहेगा, जबकि दूसरे चरण में पर्यटक सुविधा, आवासीय ढांचा और अन्य व्यावसायिक मॉडल तैयार किए जाएंगे.
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पुनौरा धाम सीतामढ़ी शहर से लगभग 5 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है और यह स्थान मां सीता की जन्मस्थली के रूप में श्रद्धालुओं के बीच विख्यात है. हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर के निर्माण से इस क्षेत्र को एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय व्यापार, रोजगार और अवसंरचना में भी वृद्धि होगी.
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