Bihar Bhumi: सरकार की एक-एक इंच जमीन से हटेगा कब्जा, सीओ के आदेश पर ही अब रुकेगा बुलडोजर एक्शन
Bihar Bhumi: सीओ सभी मौजा में यह प्रमाण पत्र देंगे कि इस प्रक्रिया में उनके द्वारा किसी भी गैरमजरूआ मालिक, आम, खास, महल, कैसर-ए-हिन्द, बकास्त मालिक को जोड़ा नहीं गया है. इसी क्रम में टोपोलैंड का रकबा भी उल्लेखित करेंगे.
खास बातें
Bihar Bhumi: गोपालगंज. अब तक शहर की सड़कों पर अवैध कब्जा पर बुलडोजर चल रहा था, अब शहर में वर्षों से कैसरे हिंद, आम, मालिक, खास महाल, बकास्त जमीन पर कब्जा जमाये लोगों के लिए यह खबर परेशानी बढ़ाने वाला है. शहर के ऐसे सरकारी जमीन पर कब्जा को हटाने का आदेश डीएम पवन कुमार सिन्हा के द्वारा दिया गया है. डीएम के कड़े रुख से अंचल पदाधिकारियों की भी बेचैनी बढ़ी हुई है. अंचल की ओर से यह कार्रवाई हुई तो हजारों ऐसे लोग बेघर हो जायेंगे, जो वर्षों से ऐसी जमीनों पर कब्जा कर मकान, दुकान बनाकर रह रहे है.
मुख्य बातें
- बिहार के इस शहर में सरकारी जमीनों से हटेगा कब्जा, लोग होंगे बेघर
- कब्जा हटाने के डीएम के निर्देश से अंचलाधिकारियों की बेचैनी बढ़ी
- अंचल मुख्यालयों व आसपास के पांच-पांच गांवों से भी कब्जा हटाने की तैयारी
शहर में जगह-जगह है कब्जा
शहर के जादोपुर रोड में दर्जनों लोगों का कब्जा कैशरे हिंद की जमीन पर है. जिसपर मकान, दुकान बनाकर कब्जा किया गया है. जबकि मौनिया चौक से यात्री होटल तक एक डेड क्लब की जमीन पर अवैध कब्जा है. जिसको लेकर कई बार तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो चुकी है. कमला राय कॉलेज के पीछे बड़ा हिस्सा पर लोगों की कब्जा है. शहर ही नहीं जिले के सभी अंचल मुख्यालयों समेत आसपास के पांच-पांच गांवों के कब्जा को हटाने की तैयारी चल रही है.
अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत का संदेह
डीएम ने कहा है कि यह देखा जा रहा है कि सरकारी भूमि का अवैध जमाबंदी कायम कर अथवा अतिक्रमित कर लोग अपना अवैध कब्जा किए हुए हैं. अनेकों स्मार के उपरांत भी संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध किसी भी सीओ द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे प्रतीत होता है कि इसमें अंचल स्तर के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत है. डीएम ने सभी अंचल अधिकारियों को निदेश दिया है कि 31 दिसंबर तक अपने अंचल मुख्यालय के नजदीकी पांच राजस्व ग्रामों की सभी सरकारी भूमि का स्थल जांच कर अवैध जमाबंदीधारी का जमाबंदी रद्दीकरण के लिए प्रस्ताव अपर समाहर्ता को समर्पित करेंगे, ताकि अतिक्रमणकारियों से सरकारी भूमि को मुक्त कराया जा सके.
लैंड बैंक बनाने के लिए डीएम ने लिया निर्णय
सभी अंचलाधिकारी 31 दिसंबर तक जमाबंदी रद्दीकरण के जितने भी प्रस्ताव अपर समाहर्ता को भेजेंगे, उनकी सूची (खाता, खेसरा, रकबा सहित) और जितने अतिक्रमित भूमि की पहचान की गई है, की सूची भी डीएम को निश्चित रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. यह कार्रवाई सरकार के लैंड बैंक को बनाए रखने तथा विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता को देखते हुए आवश्यक है.
सीओ को देना होगा प्रमाण पत्र
डीएम पवन कुमार सिन्हा ने बताया कि सीओ सभी मौजा में यह प्रमाण पत्र देंगे कि इस प्रक्रिया में उनके द्वारा किसी भी गैरमजरूआ मालिक, आम, खास, महल, कैसर-ए-हिन्द, बकास्त मालिक को जोड़ा नहीं गया है. इसी क्रम में टोपोलैंड का रकबा भी उल्लेखित करेंगे. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. जनवरी में आगे फिर पांच गांवों की सरकारी जमीनों की कब्जा करने वालों की सूची मांग कर अगले तीन माह में पूरे जिले के सरकारी जमीनों को अपने कब्जे में ले लिया जायेगा.
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