Bihar Assembly Speaker : प्रेम कुमार बनेंगे बिहार विधानसभा अध्यक्ष, गया से नौ बार जीत चुके हैं चुनाव

Bihar Assembly Speaker : बिहार में नई सरकार बनने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी की चर्चा अचानक तेज हो गई थी. भाजपा के वरिष्ठ विधायक और गया टाउन से नौ बार जीत चुके डॉ प्रेम कुमार राज्य के नए स्पीकर बनने जा रहे हैं.

By Pratyush Prashant | November 20, 2025 10:17 AM

Bihar Assembly Speaker : राजनीतिक गलियारों में पिछले दो दिनों से एक ही नाम सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है, डॉ प्रेम कुमार. भाजपा के सबसे पुराने और अनुभवी विधायकों में शुमार प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष बनने जा रहे है वो बहुत जल्द मौजूदा अध्यक्ष नंद किशोर यादव की जगह ले रहे हैं.

क्यों चर्चा में हैं प्रेम कुमार?

बिहार भाजपा में डॉ प्रेम कुमार उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने संगठन को बूथ स्तर से लेकर सत्ता तक पहुंचते देखा है. गया टाउन सीट से लगातार नौ बार विधायक चुना जाना अपने आप में एक रिकॉर्ड है. 1990 में पहली बार जीत दर्ज करने के बाद से इस सीट पर उनकी पकड़ कभी ढीली नहीं पड़ी. यह लगातार जनसमर्थन उन्हें वर्तमान विधानसभा के सबसे अनुभवी नेताओं में शामिल करता है.

उनका यह राजनीतिक सफर सिर्फ चुनावी जीत तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने कृषि, आपदा प्रबंधन, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण जैसे मंत्रालयों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं. प्रशासन और विधायी प्रक्रिया की उनकी समझ उन्हें अध्यक्ष जैसे संवैधानिक दायित्व के लिए मजबूत बनाती है.

स्पीकर पद पर बड़ा बदलाव

मौजूदा स्पीकर नंद किशोर यादव लंबे समय से भाजपा में वरिष्ठ नेतृत्व का हिस्सा रहे हैं और कई बार सदन की कार्यवाही संभाल चुके हैं. मगर इस बार पार्टी के भीतर से संकेत मिल रहे हैं कि नई राजनीतिक परिस्थितियों में यह जिम्मेदारी डॉ प्रेम कुमार को दी गई है.

प्रेम कुमार का शांत स्वभाव, व्यवहारिक राजनीति और सदन की प्रक्रियाओं की गहरी समझ इस भूमिका के लिए उन्हें आदर्श बनाती है.

गया टाउन सीट—बिहार राजनीति में एक अनोखा रिकॉर्ड

गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से नौ बार लगातार जीत किसी भी नेता के लिए आसान उपलब्धि नहीं होती. यह प्रेम कुमार के व्यक्तिगत छवि, क्षेत्र में विकास कार्यों और संगठनात्मक मजबूती को दर्शाता है. उन्होंने पहली बार 1990 में जीत हासिल की थी और तब से लगातार इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा है. उनका ये रिकॉर्ड उन्हें विधानसभा में सर्वाधिक अनुभवी सदस्यों में से एक बनाता है. विधायक के रूप में उनके लंबे कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री पद संभाला है, जिससे उन्हें विधायी और प्रशासनिक दोनों तरह का व्यापक अनुभव मिला है.

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