अंग्रेजों से मिली मदर्स डे मनाने की परंपरा, बागेश्वर बाबा बोले- भगवान चित्र में नहीं, चरित्र में बसते हैं

बाबा बागेश्वर धाम ने कथा के दौरान कहा की परमात्मा चित्र में नहीं, चरित्र में बसते हैं . उन्होंने कहा कि हमारा चरित्र उज्जवल और उत्तम होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चित्र जैसा भी हो अंधा हो, काना हो,लंगड़ा हो, काला हो, गोरा हो, कोई दिक्कत नहीं. लेकिन, चरित्र बढ़ियां होना चाहिए.

By Prabhat Khabar | May 15, 2023 12:24 AM

पटना के नौबतपुर में हनुमंत कथा के दूसरे दिन बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि आज मदर्स डे है, इसे अंग्रेजों ने बनाया था. हमारी देश की परंपरा यह है कि हम लोग प्रतिदिन मदर्स डे मनाएं .उन्होंने कहा कि माता का ऋण कभी भी चुकता नहीं किया जा सकता. बाबा ने बताया कि भारत मातृ प्रधान देश है. कहते हैं” त्व मेव माता”. उन्होंने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है, जहां राष्ट्र को माता कह के बुलाया जाता है .

भारत के लोगों को रोज मदर्स डे बनाना चाहिए

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आपने कभी जापान माता, पाकिस्तान माता नहीं सुना होगा, लेकिन भारत में राष्ट्र को भारत माता के नाम से बुलाया जाता है, यह अद्वितीय है. उन्होंने यह भी कहा कि धन्य है बिहार की धरती जहां सीता माता ने जन्म लेकर बिहार की धरती को और पवित्र बना दिया है. जिस देश के नाम में “मां” जुड़ा है, वहां के लोगों को रोज मदर्स डे बनाना चाहिए .

परमात्मा चित्र में नहीं, चरित्र में बसते हैं

बाबा बागेश्वर धाम ने कथा के दौरान कहा की परमात्मा चित्र में नहीं, चरित्र में बसते हैं . उन्होंने कहा कि हमारा चरित्र उज्जवल और उत्तम होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चित्र जैसा भी हो अंधा हो, काना हो,लंगड़ा हो, काला हो, गोरा हो, कोई दिक्कत नहीं. लेकिन, चरित्र बढ़ियां होना चाहिए. भगवान के दरबार में चित्र नहीं चरित्र देखा जाता है. उन्होंने कहा कि चरित्र बढ़ियां होगा तो आपको भगवान का पूरा सहयोग आशीर्वाद मिलेगा. बाबा बागेश्वर धाम बाला सरकार का आशीर्वाद भक्तों को तभी मिलेगा जब उनका चरित्र अपने घर-परिवार और समाज में अच्छा होगा. इससे पहले हनुमत कथा के दूसरे दिन भी बाबा कथा स्थल पर देर से पहुंचे. उन्होंने इसका कारण सड़क जाम को बताया. कार्यक्रम का शुभारंभ हनु आरती से किया गया. मौके पर पटना के सांसद रामकृपाल यादव सहित राघवेंद्र सरकार मठ के महंत सुदर्शनाचार्य जी उपस्थित थे.

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