ऑफिशियल वर्क की वजह से परेशान हूं, बच्चों से भी बात नहीं कर पाता; लिख कर बैंक के जेनरल मैनेजर ने की खुदकुशी

सुसाइड नोट में राजेश कुमार लिखा है कि मैं आजकल कुछ ऑफिशियल वर्क की वजह से काफी परेशान महसूस कर रहा हूं. हालांकि मैंने कोई गलती नहीं की. मैं इतना परेशान हो गया हूं कि मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है. यहां तक की बच्चों से भी बात नहीं कर पाता हूं.

By Prabhat Khabar | April 12, 2023 12:20 AM

पटना. मुंबई के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के चर्च गेट शाखा में पदस्थापित सहायक महाप्रबंधक राजेश कुमार ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. राजेश कुमार मूल रूप से पटना के श्रीकृष्णापुरी थाने के आनंदपुरी इलाके के निवासी थे. वे पूर्व में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में महाप्रबंधक के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं. पुलिस ने उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें उन्होंने ऑफिशियल वर्क की वजह से परेशान रहने की बात लिखी है.

मुंबई से चेन्नई हुआ था तबादला 

जानकारी के अनुसार, राजेश का तबादला मुंबई से चेन्नई कर दिया गया था. इसके कारण भी वह काफी परेशान थे. राजेश कुमार पिछले दिनों से बीमार थे और घर वापस आना चाहते थे. राजेश कुमार 17 अप्रैल को चेन्नई में ज्वाइन करने वाले थे. मुंबई में उनकी पत्नी भी साथ में रहती थी. उनकी दो संतान है. बेटा आइआइटी में है और बेटी एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं. इधर, इस घटना के बाद ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है.

क्या लिखा है सुसाइड नोट में

सुसाइड नोट में राजेश कुमार लिखा है कि मैं आजकल कुछ ऑफिशियल वर्क की वजह से काफी परेशान महसूस कर रहा हूं. हालांकि मैंने कोई गलती नहीं की. मैं इतना परेशान हो गया हूं कि मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है. यहां तक की बच्चों से भी बात नहीं कर पाता हूं. इतना परेशान हो गया हूं कि अपने जीवन का अंत कर रहा हूं. इसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने अपनी पत्नी, बच्चों, मां, भाई, बहन सभी से माफी मांगी है और लिखा है कि मैं इतना कमजोर हो गया हूं कि मुझे ऐसा करना पड़ रहा है.

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पत्नी के खाते में राशि भेजने का किया आग्रह 

राजेश ने बैंक प्रशासन से सभी तरह के लोन को एडजस्ट करने व उनकी राशि को पत्नी के खाते में भेजने का भी आग्रह किया है. अंत में उन्होंने यह लिखा है कि मेरी वाइफ काफी मजबूत है, वह जरूरत संभाल लेगी. बैंक के काम को सच्ची निष्ठा से किया हूं, जिसके वजह से और भी परेशान हूं. लेकिन परेशान रहने की वजह से ऑडिट कराने में शायद कुछ चूक हुई है. मेरे अलावा इसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है.

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