हमारे दिल की धमनियों को ब्लॉक कर रहा रिफाइंड तेल

कॉर्डिकान 2017 सेमिनार का समापन पटना : पटना के गांधी मैदान स्थित एक होटल में काॅर्डियोलोजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कॉर्डिकान 2017 सेमिनार का समापन रविवार को हो गया. दो दिवसीय इस सेमिनार में बिहार के अलावा पूरे देश-विदेश से विशेषज्ञों ने भाग लिया और ह्रदय रोग से बचाव के आधुनिक टिप्स […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 10, 2017 7:30 AM
कॉर्डिकान 2017 सेमिनार का समापन
पटना : पटना के गांधी मैदान स्थित एक होटल में काॅर्डियोलोजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कॉर्डिकान 2017 सेमिनार का समापन रविवार को हो गया. दो दिवसीय इस सेमिनार में बिहार के अलावा पूरे देश-विदेश से विशेषज्ञों ने भाग लिया और ह्रदय रोग से बचाव के आधुनिक टिप्स बताये. दिल्ली एम्स से आये डॉ राकेश यादव ने कहा कि देश में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल पहले की तुलना में पांच गुना बढ़ गया है. रिफाइंड तेल 28 से 30 साल पहले भारत में आया. इससे पहले इसको कोई जानता तक नहीं था. जबकि, पहले लोग घरों में कच्चे सरसों का तेल इस्तेमाल करते थे. यही वजह है कि लोग स्वस्थ रहते थे.
डॉ राकेश ने बताया कि तेल को रिफाइंड करने के लिए 6 से 7 इनऑग्रेनीक केमिकल का प्रयोग किया जाता है. जबकि, डबल रिफाइंड के लिए केमिकल की संख्या 10 से 12 हो जाती है. तेल को सुगंधित करने के लिए प्रोटीन को निकाल दिया जाता है. यह केमिकल शरीर को नुकसान पहुंचाता है. इसका असर सीधे दिल के धमनियों पर होता है. इससे बचने के लिए कच्चे सरसों का तेल, तिल का तेल, कच्ची घानी सरसों का तेल, नारियल का तेल इस्तेमाल करना चाहिए.
डॉ बीपी सिंह बने बिहार के अध्यक्ष : सम्मेलन के समापन के दिन कॉडियोलॉजी सोसाइटी के अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ. इसमें आइजीआइएमएस ह्रदय रोग विभाग के एचओडी डॉ बीपी सिंह को बिहार कॉर्डियोलॉजी का अध्यक्ष व आइजीआइसी के डॉ एके झा को उपाध्यक्ष चुना गया. अध्यक्ष चुने जाने के बाद डॉ बीपी सिंह ने कहा कि बिहार के सभी अस्पतालों में ओपन हार्ट सर्जरी, जिला अस्पतालों में कॉर्डियोलॉजी विभाग, कॉर्डियक में डीएम की पढ़ाई आदि सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग से मांग की जायेगी.ह्रदय के लिए खतरनाक है नमक : डॉ एमके दासकोलकाता से आये डॉ एमके दास ने कहा कि खाने में नमक की ज्यादा मात्रा सेहत के लिए खतरनाक है.
शोधों के मुताबिक इसका सबसे ज्यादा असर हृदय पर होता है. नतीजा हृदय रोग और दौरा पड़ने जैसी जानलेवा बीमारियां होती हैं. डॉ दास ने कहा कि हर चार में से एक युवा उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन के शिकार हैं. भारत में प्रत्येक हृदय रोग का कारण खाने में प्रयोग किये जाने वाला नमक है. उन्होंने कहा कि ज्यादा नमक से हाइपरटेंशन और कम नमक से हाइपोनेट्रिमिया नामक बीमारी होती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पूरी तरह नमक कम कर देना भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि लिवर की समस्या और हाइ ब्लड प्रेशर की स्थिति में दो ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
शराब से ज्यादा स्मोकिंग खतरनाक : दिल्ली से आये डॉ विजय त्रेहान ने कहा कि शराब से ज्यादा स्मोकिंग खतरनाक है, उन्होंने कहा कि 20 से 25 साल की उम्र वाले लोग भी हार्ट अटैक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. जबकि, पहले 60 साल की उम्र में अटैक होते थे. ऐसे में युवा वर्ग को अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होना चाहिए.

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