आरटीआइ में खुलासा : पीएमसीएच को पता नहीं, किसने बेची पार्किंग
पटना: पीएमसीएच में वाहन पार्किंग के नाम पर लाखों रुपये कमाने का मामला सामने आया है. इसमें कोई और नहीं बल्कि अस्पताल के कुछ जिम्मेवार अधिकारी शामिल हैं. दरअसल, पीएमसीएच में पिछले दो महीनों से खेल मैदान में पार्किंग संचालित हो रहा है. लेकिन आरटीआइ में खुलासा हुआ है कि पूरे परिसर में एक ही […]
पटना: पीएमसीएच में वाहन पार्किंग के नाम पर लाखों रुपये कमाने का मामला सामने आया है. इसमें कोई और नहीं बल्कि अस्पताल के कुछ जिम्मेवार अधिकारी शामिल हैं. दरअसल, पीएमसीएच में पिछले दो महीनों से खेल मैदान में पार्किंग संचालित हो रहा है. लेकिन आरटीआइ में खुलासा हुआ है कि पूरे परिसर में एक ही पार्किंग स्थल में गाड़ी लगाने का परमिशन दिया गया है, जबकि खेल मैदान के पार्किंग को अवैध करार दिया गया है. अस्पताल परिसर में पार्किंग बना कर रोजाना मोटी कमाई की जा रही है.
इस खुलासे के बाद अस्पताल के जिम्मेवार अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि पार्किंग का टेंडर भी नहीं हुआ है. विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने तीन, मार्च, 2017 को लोक सूचना के तहत पीएमसीएच के पार्किंग स्थलों की जानकारी मांगी. इसमें सिर्फ राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक ब्लड बैंक के पीछे लगनेवाली पार्किंग को सही ठहराया गया.
अधीक्षक और प्रिंसिपल को नहीं है इसकी जानकारी
पीएमसीएच में वर्तमान समय में तीन पार्किंग चल रहे हैं. इसमें आरएसबी स्थित ब्लड बैंक के पीछे संचालित हो रही पार्किंग का अधिकार आदर्श राज इंफ्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड भूतनाथ स्थित कंपनी को दिया गया है. कानूनी तौर पर यही पार्किंग सही है.
दो पार्किंग पाये गये अवैध : वहीं, दूसरे पार्किंग का संचालन खेल मैदान में चल रहा है, जो लीगल तौर पर गलत है. वहीं तीसरे पार्किंग का संचालन अधीक्षक आवास परिसर में हो रहा है. इस पर अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद का कहना है कि वह उनके आदेश पर ही दिया गया है, जबकि पार्किंग से साइकिल से 5, मोटरसाइकिल से 10 व चार पहिया वाहन से 20 रुपये लिये जाते हैं.
क्या कहते हैं आरटीआइ एक्टिविस्ट
लोक सूचना के आधार पर मुझे जानकारी मिली है कि पीएमसीएच के खेल मैदान में संचालित हो रही पार्किंग पूरी तरह से गलत है. अस्पताल के प्रिंसिपल व अधीक्षक तक को पता नहीं है कि आखिरकार पार्किंग किसके आदेश पर चल रहा है, जबकि इसका टेंडर भी नहीं हुआ है. मैं इस बात को स्वास्थ्य विभाग और छह मेडिकल कॉलेज स्तर पर रखूंगा.
विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा, आरटीआइ एक्टिविस्ट
