तेजाब कांड में हाइकोर्ट से शहाबुद्दीन को मिली जमानत
पटना : सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पटना हाइकोर्ट से आज बहुचर्चिचतेजाबकांड मामले मेंजमानतमिल गयी. न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए शहाबुद्दीन को जमानत दे दी.हाइकोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद यह फैसला दिया है. निचली अदालत के द्वारा उम्रकैद की सजा दिये जाने को शहाबुद्दीन […]
पटना : सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पटना हाइकोर्ट से आज बहुचर्चिचतेजाबकांड मामले मेंजमानतमिल गयी. न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए शहाबुद्दीन को जमानत दे दी.हाइकोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद यह फैसला दिया है. निचली अदालत के द्वारा उम्रकैद की सजा दिये जाने को शहाबुद्दीन ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी और इसके लिए जमानत की अर्जी दी थी. अदालत ने पूर्व सांसद की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली, हालांकि अभी शहाबुद्दीन को अन्य मामलों में जेल में ही रहना होगा.इससे पहले पटना हाइकोर्ट ने तीन फरवरी को पूर्व सांसद को जमानत देने से इनकार कर दिया था. वह फैसला न्यायमूर्ति जेएम शर्मा की खंडपीठ ने सुनाया था.
ध्यान रहे कि 2015 में 11 दिसंबर को विशेष अदालत ने तेजाब कांड मामले में शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. इस मामले में अदालत ने तीन अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी.
तेजाब कांड 11 साल पुराना मामला है, जिसमें शहर के प्रमुख व्यावसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों का अपहरण कर लिया गया था और दो उन्हें प्रतापपुर गांव ले जाया गया था. चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश के शरीर पर तेजाब डाल कर उनकी हत्या कर दी गयी थी. इन दोनों का शव बरामद नहीं हाे सका था. वहीं, चंदा बाबू का तीसरा बेटा राजीव रौशन भागने में सफल हो गया था. इस मामले में पीड़ित की मां कलावती ने पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व तीन साथियों राजकुमार शाह, शेख असलम और आरिफ हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इस मामले में राजीव रौशन गवाह थे, लेकिन गवाही के पहले उनकी भी हत्या कर दी गयी.
