पटना में 64% लोगों के कार्य स्थल घर के पास , फिर भी निजी वाहनों का प्रयोग
से विडंबना ही कहा जायेगा कि पटना शहर के 64.1 फीसदी लोगों के कार्य स्थल उनके घर से पांच किलोमीटर के दायरे के अंदर हैं.
संवाददाता,पटना इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि पटना शहर के 64.1 फीसदी लोगों के कार्य स्थल उनके घर से पांच किलोमीटर के दायरे के अंदर हैं. इसके बाद भी लोगों को अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ता है. इससे शहरी पर्यावरण और समाज के एक कमजोर समाज और आय वर्ग के लोगों को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. यह निष्कर्ष क्लाइमेट एजेंडा, एनवायरो कैटलिस्ट और आइआइटी बीएचयू जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की साझा रिपोर्ट में यह बातें सामने आयी हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार 24.8 फीसदी लोगों के कार्यस्थल घर से 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में आते हैं. इस तरह 88 फीसदी से अधिक लोग के कार्य स्थल शून्य से दस किलोमीटर के दायरे में होते हैं. इतनी दूरी भी शहरवासियों के लिए सिरदर्द साबित होे रही है. इस रिपोर्ट से जुड़े वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय मुद्दों के जानकार सुनील दहिया ने बताया कि राजधानी पटना के संदर्भ में शहरी ट्रांसपोर्ट के लिहाज से यह आंकड़े आदर्श स्थिति नहीं बताते है. इससे मुख्य सड़कों पर कमजोर आय वर्ग के लोगों को चलने के लिए फुटपाथ तक नहीं मिल पाते हैं. निजी वाहनों की असंतुलित भीड़ के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी आसान नहीं है.
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