बिहार : अपराधियों को पहले से जानता था अविनाश ! देख कर लगा भागने

पटना : जिन अपराधियों ने अविनाश की गोली मार कर हत्या की, उनमें से किसी एक को अविनाश संभवत: पहचानता था. अविनाश जब पैदल ही आइएमए हॉल से सटी गली से होकर दलदली की ओर बढ़ रहा था, तो उसने उन अपराधियों को देख लिया था.इसके बाद वह भागने लगा, लेकिन बदहवासी में वह अपने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 7, 2015 1:59 AM
पटना : जिन अपराधियों ने अविनाश की गोली मार कर हत्या की, उनमें से किसी एक को अविनाश संभवत: पहचानता था. अविनाश जब पैदल ही आइएमए हॉल से सटी गली से होकर दलदली की ओर बढ़ रहा था, तो उसने उन अपराधियों को देख लिया था.इसके बाद वह भागने लगा, लेकिन बदहवासी में वह अपने घर की ओर भागने के बजाय दुर्गा मंदिर की ओर भागा. पीछे से खदेड़ कर अपराधियों ने गोली मार दी, जो उसकी पीठ में लगी. अविनाश की हत्या की सारी तसवीर दुर्गा मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है.
वीडियो फुटेज में गोली मारने से लेकर अपराधियों के भागने तक के दृश्य कैद हैं. वीडियो फुटेज से ही पुलिस अब अपराधी तक पहुंच सकती है. जिस तरह अपराधियों के देखते ही अविनाश भागने लगे, उससे स्पष्ट है कि वह अपराधियों को पहचानते थे. स्थानीय लोगों में से किसी ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि अपराधियों ने उसे रोकने का प्रयास किया था और वह वहां से बचने के लिए भागा था.
अपराधियों ने की होगी रेकी
घटना से यह भी स्पष्ट है कि अपराधी यह जानते थे कि वह प्रतिदिन बेटी को स्कूल छोड़ने के लिए जाते थे. स्कूल छोड़ने के बाद वह अपनी गाड़ी को आइएमए हॉल के समीप नहीं लगाता था, बल्कि घर के समीप लगाता था. उसने गुरुवार को गाड़ी आइएमए हॉल के पास लगायी.
आशंका है कि अपराधियों ने उसके घर से निकलने के बाद लगातार रेकी की. इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने पीरमुहानी के सामने सड़क को बांस-बल्ला लगा कर जाम कर दिया और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा किया. इसके साथ ही इलाके में दुकान भी बंद रही.
भूमि, ठेकेदारी या स्थानीय विवाद तो कारण नहीं
फिलहाल पुलिस को अब तक घटना के कारणों के संबंध में जानकारी नहीं मिली है. दुर्गा मंदिर के पुजारी पन्ना लाल गुप्ताव उनके परिजनों के खिलाफ वार्ड पार्षद चुनाव को लेकर अविनाश की हत्या किये जाने का कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहा है.
अनुसंधान में भी ऐसी कोई बात सामने नहीं आयी है, जिससे यह बिंदु घटना का कारण हो सकता है. पुलिस को यह जानकारी मिली है कि अविनाश के गांव में पट्टीदारों से जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है.
इसके अलावा चार माह पहले अविनाश के भाई सुशील कुमार व पीरमुहानी के युवकों के बीच काफी मारपीट भी हुई थी. इस मामले में कदमकुआं थाने में सुशील के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज है. इसके साथ ही ठेकेदारी का बिंदु भी पुलिस के सामने है. इन तमाम बिंदुओं पर पुलिस अनुसंधान कर रही है.
फिलहाल अविनाश विधायक नितिन नवीन के काफी करीब थे और वह नितिन नवीन के कार्यक्रम को लेकर ही दलदली रोड की ओर लोगों को जुटाने के लिए आमंत्रित करने के लिए पहुंचे थे.
वार्ड पार्षद के चुनाव में पत्नी की हुई थी हार
2012 में वार्ड नंबर 37 में हुए चुनाव में अविनाश की पत्नी रंजना वार्ड पार्षद की उम्मीदवार बनी थी. इसमें दुर्गा मंदिर के पुजारी व समाजसेवी पन्ना लाल गुप्ता की बेटी ज्योति गुप्ता भी उम्मीदवार थी. लेकिन अशोक यादव की पत्नी धर्मशीला देवी चुनाव जीत गयी थी. हालांकि धर्मशीला देवी की जीत के विरोध में अन्य प्रत्याशी न्यायालय की शरण में गये थे.
टूर एंड ट्रेवल्स की दुकान भी चलाता था अविनाश
अविनाश मूल रूप से पालीगंज के पतौनी गांव के रहनेवाले थे, लेकिन वह सालिमपुर रोड संख्या दो स्थित अपने मकान में अपनी पत्नी रंजना व बेटी साक्षी के साथ कई साल से रह रहे थे. उनके पिता शशि शेखर शर्मा सरकारी स्कूल के रिटायर्ड शिक्षक थे और माता लालती देवी गृहिणी हैं.
अविनाश दो भाइयों में सबसे बड़ा था. अविनाश ने साक्षी टूर एंड ट्रेवल्स की दुकान भी सालिमपुर अहरा में खोल रखी थी और रेल के टिकट की बुकिंग भी करता था. सात साल पहले वह पत्रकारिता से भी जुड़ा हुआ था और सड़क दुर्घटना में उसके दायें हाथ में काफी चोटें आयी थीं, जिसके कारण हाथ काम नहीं करता था.
अविनाश के पिता शशिशेखर शर्मा व माता लालती देवी पालीगंज के पनौती गांव में थे. उन्हें यह कह कर बुलाया गया कि उनके बेटे अविनाश की तबीयत खराब है. बेटी साक्षी को भी स्कूल से यह कह कर लाया गया कि उसके पिता की तबीयत खराब है.अविनाश के पिता ने अपने बेटे की अरथी को सहारा दिया और शव को श्मशान घाट ले जाया गया. मुहल्ले के कई लोगों ने बताया कि अविनाश काफी अच्छे स्वभाव का था और हमेशा दूसरे की मदद के लिए तैयार रहता था.

Next Article

Exit mobile version