एक ही परिसर में एक से अधिक चल रहे 166 स्कूल होंगे मर्ज

स्कूलों की भवनों की कमी को देखते हुये शिक्षा विभाग ने एक ही परिसर में एक से अधिक चल रहे प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय को मर्ज करने का निर्णय लिया है.

By Prabhat Khabar | May 12, 2024 10:00 PM

संवाददाता, पटना

स्कूलों की भवनों की कमी को देखते हुये शिक्षा विभाग ने एक ही परिसर में एक से अधिक चल रहे प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय को मर्ज करने का निर्णय लिया है. पटना जिले में 166 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों को मर्ज करने की सूची तैयारी कर ली गयी है. स्कूलों को आपस में मर्ज करने को लिये विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले में 166 स्कूल ऐसे जिनके पास अपना भवन नहीं है और किसी अन्य स्कूल के परिसर में संचालित हो रहे हैं. यदि एक परिसर में तीन स्कूल संचालित हो रहे रहे तो इनमें से दो स्कूल को वहीं के मूल स्कूल में मर्ज कर दिया जायेगा. तीन स्कूलों के अलग-अलग प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्याक होंगे तो उनमें जो सीनियर होगें उनको उस स्कूल का स्थायी प्रधानाध्यापक नियुक्त कर दिया जायेगा.

बच्चों की संख्या बढ़ती है तो बनेगा सेक्शन

स्कूल के मर्ज करने के बाद यदि एक कक्षा में बच्चों की संख्या बढ़ती है तो उक्त कक्षा को ए, बी और सी सेक्शन में बांट दिया जायेगा. एक कक्षा में कम से कम 35 बच्चे होनी चाहिये और नियमानुसार 35 बच्चे पर एक शिक्षक होने चाहिये. स्कूलों के मर्ज होने के बाद बच्चों के अनुपात से शिक्षक अधिक होते है तो उनको अन्य स्कूल में स्थानांतरण किया जायेगा, जहां शिक्षकों की कमी होगी.

स्कूल मर्ज होने से होंगे यह फायदे

राजधानी में बहुत ऐसे स्कूल जो एक ही मुहल्ले में एक परिसर में, एक जगह पर तीन से चार स्कूल संचालित हो रहे हैं. जिसकी वजह से मुहल्ले बच्चे स्कूल के हिसाब से पांच भाग में बंट जाते हैं. इसके वजह से स्कूल में निर्धारित सीट अनुपात में नामांकित बच्चों की संख्या कम हो जाती है. मर्ज होने से यह समस्या खत्म हो जायेगी. दूसरा फायदा होगा कि तीन से चार जगह मध्याह्न भोजन बनने की बजाय एक ही जगह मध्याह्न भोजन बनेगा. पहले एक परिसर में जितने स्कूल संचालित होते है उनको मध्याह्न भोजन बनाने के लिये अलग-अलग कमरा देना पड़ता था. तीसरा फायदा होगा कि एक स्कूल में एक प्रधानाध्यापक का कक्ष रहेगा. इससे होगा कि अपने आप कमरे की संख्या बढ़ जायेगी और कक्षा संचालित करने में आसानी होगी.

कोट

एक ही परिसर में एक से अधिक संचालित हो रहे स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. जून तक इस कार्य को पूरा कर लिया जायेगा. इस निर्णय से स्कूलों को कमरे की दिक्कत नहीं होगी. शिक्षण कार्य भी बेहतर ढंग से संचालित हो सकेगा.- संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना.

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