स्मार्ट सिटी : 3 वर्षों से खाते में पड़े हैं 6797 करोड़, प्रोजेक्ट पूरा करना तो दूर अधिकतर की निविदा तक नहीं हो पायी फाइनल

पटना : तीन वर्षों से पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में स्मार्ट सिटी के तहत किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करना तो दूर अधिकतर की निविदा तक फाइनल नहीं हो पायी है. हालत ऐसी है कि तीन वर्षों से अधिक समय बीतने के बाद भी इन चारों शहरों में काम के लिए मिली प्रथम किस्त […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 7:58 AM
पटना : तीन वर्षों से पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में स्मार्ट सिटी के तहत किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करना तो दूर अधिकतर की निविदा तक फाइनल नहीं हो पायी है. हालत ऐसी है कि तीन वर्षों से अधिक समय बीतने के बाद भी इन चारों शहरों में काम के लिए मिली प्रथम किस्त की लगभग 6,797 करोड़ की राशि बैंक खाते में ही पड़ी है. खास बात है कि पहली किस्त की राशि तीन वर्षों में ही खर्च करनी थी. इस समयसीमा को एक वर्ष बढ़ाया गया है. इसमें भी छह माह का समय बीत चुका है.
फिर भी नतीजा सिफर है.मुजफ्फरपुर : एपीवी तक का गठन नहीं मुजफ्फरपुर का स्मार्ट सिटी में जून, 2017 में ही चयन किया गया था, लेकिन आलम ऐसा है कि योजनाओं को पूरा करने के लिए जिम्मेदार स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीवी) तक का गठन नहीं किया गया है, जबकि एसपीवी पर ही योजना बनाने, अनुमोदन करने, राशि जारी करने, संचालन, निगरानी व मूल्यांकन की जिम्मेदारी होती है. इस शहर के लिए 1580 करोड़ की योजनाएं पड़ी हुई हैं. यहां भी स्मार्ट रोड नेटवर्क, कंट्रोल एंड कमांड सेंटर, बूढ़ी गंडक पर पुल बनाने व स्मार्ट सिटी का ऑफिस बनाने का काम ठप पड़ा है.
भागलपुर : अभी स्मार्ट रोड नेटवर्क का प्लान भी नहीं
भागलपुर में तो अभी स्मार्ट रोड नेटवर्क का प्लान भी नहीं बन पाया है. यहां की लगभग 20 योजनाओं की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी को मिली थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पायी है. यहां भी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाना तो दूर, उसको बनाने के लिए बनी कंपनी का टेंडर तक फाइनल नहीं हो पाया है. भागलपुर स्मार्ट सिटी के लिए 1300 करोड़ रुपये जारी किये गये थे.
किसी भी शहर में पूरी नहीं हुई स्मार्ट सिटी की योजना
स्मार्ट सिटी की योजनाओं में तेजी लायी जायेगी. हर महीने समीक्षा कर हर हाल में जून तक जमीन पर काम दिखाने का प्रयास किया जायेगा. विभाग में इसके िलए अलग से कोषांग बनाया जा रहा है.
– सुरेश शर्मा, मंत्री नगर विकास व आवास विभाग
पटना : 7 योजनाएं रुकीं, कई पर काम सुस्त
2017 में पटना का चयन होने के बाद तेजी से स्मार्ट सिटी की योजनाओं पर काम शुरू हुआ. 2400 करोड़ की योजनाओं की डीपीआर फाइनल हुई. अब स्थिति है कि मंदिरी व बाकरगंज नाला, जंक्शन के सामने रिडेवलपमेंट योजना, इंट्रीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट सिटी रोड नेटवर्क, डच कैफेटेरिया सहित अन्य योजनाओं पर रोक लग गयी है.
बिहारशरीफ : योजना भी तैयार नहीं हुई
स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित बिहार के चौथे शहर बिहारशरीफ के लिए अभी योजनाएं भी फाइनल नहीं हुई हैं. इस शहर को स्मार्ट सिटी के लिए 1517 करोड़ रुपये का काम होना है. बिहारशरीफ में सोहसराय सड़क चौड़ीकरण, धनेश्वर घाट तालाब का काम, मामू भगीना पहड़तल्ली के पास पार्क बनाने से लेकर कई योजनाएं फंसी हुई हैं.

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