पटना :कला से डॉक्टरों का जुड़ाव सराहनीय

पटना : अपने पेशे के अतिरिक्त डॉक्टर अगर कला-संस्कृति और साहित्य से जुड़ाव रखते हैं तो यह सराहनीय है और इसे प्रोत्साहित करने की जरूरत है. देश के बड़े वैज्ञानिक, डॉक्टर और इंजीनियरों का साहित्य और कला के क्षेत्र में झुकाव मानवता के प्रति उनका प्रेम दर्शाता है. ये बातें रविवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2020 9:39 AM
पटना : अपने पेशे के अतिरिक्त डॉक्टर अगर कला-संस्कृति और साहित्य से जुड़ाव रखते हैं तो यह सराहनीय है और इसे प्रोत्साहित करने की जरूरत है. देश के बड़े वैज्ञानिक, डॉक्टर और इंजीनियरों का साहित्य और कला के क्षेत्र में झुकाव मानवता के प्रति उनका प्रेम दर्शाता है. ये
बातें रविवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कही. वह डॉक्टर बियांड प्रोफेशन और आइएडीवीएल कीओर से होटल मौर्या में आयोजितएक कार्यक्रम में बोल रहे थे. इसमें कला-साहित्य के क्षेत्र में विशिष्टता प्राप्त बिहार के चिकित्सकों को सम्मानित किया गया.
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में भगवान के बाद दूसरा स्थान डॉक्टरों को ही जाता है. डॉक्टर आदिकाल से ही इलाज में अमीर और गरीब के बीच कोई फर्क नहीं करते हैं. कार्यक्रम में साइंटिफिक सेशन का भी आयोजन किया गया. प्रसिद्ध
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ अमरकांत झा अमर ने अपनी लिखित रचनाकतय छी मां के साथ – साथ मैथिली में काव्य पाठ भी किया. इस अवसर पर डॉ आरके सिन्हा, डॉ एसएस एकबाल हुसैन, डॉ अभिषेक कुमार झा, डॉ विकास शंकर, डॉ विश्वारतन, डॉ विमल कारक, डॉ मंजू गीता मिश्रा, डॉ बीके सिन्हा, डॉ रवि विक्रम सिंह, डॉ पीके राय, डॉ शिवजी मिश्रा, डॉ कैप्टन विजय शंकर सिंह, डॉ सहजानंदप्रसाद सिंह, डॉ सत्यजीत सिन्हा, डॉ अजय कुमार समेत कई अन्य
मौजूद थे.

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