जीवनरक्षक दवाओं की खपत में तीसरे स्थान पर है बिहार

शशिभूषण कुंवर पटना : जीवनरक्षक दवाओं की खपत के मामले में बिहार तीसरे पायदान पर है. राष्ट्रीय औसत में राजस्थान और तेलंगाना के बाद बिहार के सरकारी अस्पतालों द्वारा सबसे अधिक मुफ्त दवाओं का वितरण किया जाता है. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दवाओं की खपत को लेकर हर रोज स्थिति का आकलन किया जा रहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2020 8:45 AM
शशिभूषण कुंवर
पटना : जीवनरक्षक दवाओं की खपत के मामले में बिहार तीसरे पायदान पर है. राष्ट्रीय औसत में राजस्थान और तेलंगाना के बाद बिहार के सरकारी अस्पतालों द्वारा सबसे अधिक मुफ्त दवाओं का वितरण किया जाता है. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दवाओं की खपत को लेकर हर रोज स्थिति का आकलन किया जा रहा है. जनवरी, 2020 में दवाओं की खपत के मामले में बिहार आठवें रैंक पर था. इसमें निरंतर प्रगति के बाद दवाओं के खपत बढ़ी है.
दवा- वैक्सीन वितरण मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) के माध्यम से हर जिले में खपत होनेवाली दवाओं की दैनिक प्रगति की समीक्षा की जा रही है. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाओं के वितरण में कई जिलों की रुचि नहीं लेने के कारण वहां के मरीजों की 55 प्रकार की दवाओं से लेकर 94 प्रकार की दवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं.
राज्य स्वास्थ्य समिति ने इन संबंधित जिलों को जल्द मांग भेजने का निर्देश दिया है.इन दवाओं को क्षेत्रीय वेयर हाउसों से दवाओं की आपूर्ति की जायेगी. समिति के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रोहतास जिला के दवा भंडार में 94 प्रकार की जीवनरक्षक दवाएं समाप्त हो चुकी हैं. इसी प्रकार से मुजफ्फरपुर जिला दवा भंडार में 92 प्रकार की जीवनरक्षक दवाएं नहीं हैं. किशनगंज जिला दवा भंडार में 86 प्रकार की, शिवहर जिला दवा भंडार में 80 प्रकार की व सुपौल जिला दवा भंडार में 80 प्रकार की दवाएं नहीं हैं.
इसी तरह 50 प्रकार से अधिक दवाओं की कमी अररिया, अरवल, बांका, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सीतामढ़ी और वैशाली जिलों के दवा भंडारों में बनी हुई है.
रोहतास, मुजफ्फरपुर व सीवान सहित 35 जिला भंडारों में दवाओं की कमी
मरीजों को दी जानी हैं 15 से 96 प्रकार की मुफ्त दवाएं
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा तैयार की गयी आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं में जिला अस्पतालों के ओपीडी में 71 प्रकार की, जबकि भर्ती मरीजों को 96 प्रकार, अनुमंडलीय अस्पताल के ओपीडी में 58 प्रकार व आइपीडी में 65 प्रकार, सीएचसी के ओपीडी में 55 प्रकार व आइपीडी में 59 प्रकार की, पीएचसी के ओपीडी में 50 प्रकार व आइपीडी में 34 प्रकार, एपीएचसी के ओपीडी में 50 प्रकार व आइपीडी में 34 प्रकार की और स्वास्थ्य उपकेंद्र में 15 प्रकार की मुफ्त दवाओं की सूची तैयार की गयी है.

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