पटना : शराब के मामलों के निबटारे को बनेंगे 75 स्पेशल कोर्ट
कौशिक रंजन पटना हाइकोर्ट को जल्द ही भेजा जायेगा प्रस्ताव पटना : राज्य में अप्रैल, 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद बड़ी संख्या में इसका उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. लेकिन, जिस रफ्तार में एफआइआर दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी हो रही है, उस तेजी से न्यायालय के […]
कौशिक रंजन
पटना हाइकोर्ट को जल्द ही भेजा जायेगा प्रस्ताव
पटना : राज्य में अप्रैल, 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद बड़ी संख्या में इसका उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. लेकिन, जिस रफ्तार में एफआइआर दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी हो रही है, उस तेजी से न्यायालय के स्तर पर मामलों का निबटारा नहीं हो रहा है.
इस वजह से अब तक शराब निषेध कानून के अंतर्गत लंबित पड़े मामलों की संख्या बढ़कर दो लाख सात हजार 766 हो गयी है. लंबित इन मामलों का निबटारा करने के लिए सरकार ने पूरे राज्य में 75 स्पेशल कोर्ट के गठन का प्रस्ताव तैयार किया है. हाल में इस मसले को लेकर सूबे के उच्च अधिकारियों के साथ हुई विशेष बैठक में सहमति बन चुकी है. अब इसे अमलीजामा पहनाने के लिए हाइकोर्ट के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा, ताकि इस स्तर से अनुमति मिलने के बाद इन न्यायालयों के गठन की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाये.
इन मामलों की हाल में सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट इनका निबटारा करने के लिए राज्य सरकार को उचित व्यवस्था करने का आदेश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार के स्तर पर यह कवायद की गयी है. हाइकोर्ट में इस मामले में राज्य सरकार को 24-25 अक्टूबर को पूरी कार्ययोजना भी प्रस्तुत करनी है, जिसमें मामले के जल्द निबटारे के लिए किये गये प्रयास की जानकारी देनी है.
राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद से जुलाई, 2019 तक लंबित मामलों की संख्या है दो लाख सात हजार 766
इन जिलों में सबसे ज्यादा मामले लंबित
पटना 28,593
गया 11,211
पूर्वी चंपारण 9,979
भोजपुर 8,520
कटिहार 8,667
रोहतास 8,167
पश्चिमी चंपारण 7,881
सारण 7,344
इन जिलों में लंबित मामलों की संख्या कम
सहरसा 1,035
शिवहर 1,209
शेखपुरा 1,237
वैशाली 2,064
मुंगेर 2,308
किशनगंज 2,412
सुपौल 2,422
मधेपुरा 2,530
इस वर्ष जुलाई तक 34526 मामले दर्ज, 2629 का ही निबटारा
पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद राज्य में अब तक 67 हजार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और 52 लाख लीटर से ज्यादा शराब जब्त की जा चुकी है.
इसके अलावा इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक 34 हजार 526 मामले दर्ज हुए, जिनमें दो हजार 629 मामलों का ही निष्पादन हुआ है. पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से पिछले वर्ष तक लंबित मामलों की संख्या एक लाख 75 हजार 869 थी, जो इस वर्ष बढ़ कर दो लाख सात हजार 766 तक पहुंच गये.