लल्लू मुखिया से पूछताछ के लिए कोर्ट ने रिमांड की दी अनुमति, अनंत-लल्लू से एकसाथ होगी पूछताछ, …जानें कैसे बढ़ी नजदीकी?

बाढ़ : मोकामा के विधायक अनंत सिंह के करीबी लल्लू मुखिया को रिमांड में लेने के लिए बाढ़ कोर्ट ने शनिवार को पुलिस को अनुमति दे दी. अदालत ने लल्लू मुखिया से पूछताछ के लिए दो दिन का रिमांड दिया है. बताया जाता है कि विधायक अनंत सिंह और लल्लू मुखिया से एक साथ पूछताछ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 31, 2019 1:01 PM

बाढ़ : मोकामा के विधायक अनंत सिंह के करीबी लल्लू मुखिया को रिमांड में लेने के लिए बाढ़ कोर्ट ने शनिवार को पुलिस को अनुमति दे दी. अदालत ने लल्लू मुखिया से पूछताछ के लिए दो दिन का रिमांड दिया है. बताया जाता है कि विधायक अनंत सिंह और लल्लू मुखिया से एक साथ पूछताछ की जायेगी. मालूम हो कि हत्या की साजिश के आरोप में लल्लू मुखिया बेउर जेल में है.

दो दिन पहले लल्लू मुखिया ने किया था आत्मसमर्पण

मोकामा के विधायक अनंत सिंह के करीबी लल्लू मुखिया ने नाटकीय ढंग से एसीजेएम की अदालत में गुरुवार को 11:30 बजे पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया. बताया जाता है कि गुरुवार को सुबह करीब 10:30 बजे लल्लू मुखिया कोर्ट पहुंचा था. उसके कोर्ट पहुंचने की खबर किसी को नहीं लगी. मालूम हो कि पंडारक थाने में लल्लू मुखिया के खिलाफ हत्या की साजिश रचने के मामले में आरोपित है. इसके बाद से वह फरार चल रहा था. आत्मसमर्पण करने के बाद लल्लू मुखिया के वकील द्वारा कोर्ट को बताया कि स्थानीय स्तर पर उसकी जान को खतरा है. इसलिए बेऊर जेल में रखा जाये. इसके बाद अदालत ने लल्लू मुखिया को न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया.

ठेकेदारी में वर्चस्व कायम करने के लिए अनंत सिंह से बढ़ी थी नजदीकी

मोकामा के निर्दलीय बाहुबली विधायक अनंत सिंह और बाढ़ की नवादा पंचायत अंतर्गत गुलाबबाग गांव निवासी कर्मवीर यादव उर्फ लल्लू मुखिया का संबंध एनटीपीसी में अधिपत्य जमाने को लेकर हुआ. विधायक अनंत सिंह एनटीपीसी पर एकाधिकार जमाना चाहते थे. वहीं, इस इलाके में लल्लू मुखिया की पकड़ काफी अच्छी थी. इस कारण दोनों ने हाथ मिला लिया. कई वर्षों तक एनटीपीसी की ठेकेदारी के काम में किसी अन्य को प्रवेश नहीं करने दिया. अनंत सिंह व लल्लू मुखिया के इशारे पर ही उनके लोगों को ठेकेदारी मिलती थी. बताया जाता है कि दो दशक पहले एनटीपीसी इलाके में बौधू यादव का वर्चस्व था. लल्लू मुखिया का संबंध बौधू यादव से था. लेकिन, एक दशक पहले एनटीपीसी के निर्माण के दौरान ही बौधू यादव की हत्या कर दी गयी. इसके बाद लल्लू मुखिया ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली. इसके बाद लल्लू मुखिया ने एनटीपीसी में ठेकेदारी को लेकर पकड़ मजबूत करने के दौरान इलाके के कई लोगों को रोजगार भी दिलाया. इस कारण स्थानीय समर्थन भी मिला. इसी दौरान अनंत सिंह के साथ उनका रिश्ता गहरा हो गया.

रामजन्म यादव से था मुकाबला : लल्लू मुखिया का सबसे बड़ा विरोधी पंडारक थाना क्षेत्र के लेमुआबाद निवासी रामजन्म यादव था. रामजन्म यादव एनटीपीसी में लल्लू मुखिया के वर्चस्व कायम करने को लेकर राह का सबसे बड़ा रोड़ा था. उसने लल्लू मुखिया के लिए काफी परेशानी पैदा कर दी थी. दो-ढाई साल पहले रामजन्म यादव की चलती ट्रेन में अथमलगोला स्टेशन के पास पाटलिपुत्र ट्रेन में गोली मार दी गयी थी. इस मामले में लल्लू मुखिया का नाम सामने आया था. यह मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है.

कम समय में अर्जित की करोड़ों की संपत्ति : लल्लू मुखिया और अनंत सिंह की दोस्ती लगातार बढ़ती चली गयी. लेकिन, एक साल पहले दोनों में भी कुछ लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था, जिसे बिना किसी हस्तक्षेप के आपस में सुलझा लिया. मोकामा विधायक का समर्थन मिलने के बाद लल्लू मुखिया ने अपने बचे हुए सारे प्रतिद्वंद्वी को धूल चटा दिया.

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