उपचुनाव में लोकसभा चुनाव का फॉर्मूला हुआ लागू तो जदयू-भाजपा को दो-दो सीटें

पटना : राज्य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में एनडीए के भीतर लोकसभा के तर्ज पर सीटों का बटवारा हुआ, तो विधानसभा की पांच सीटों में दो जदयू के खाते में जायेगी. बाकी की तीन सीटों में दो पर भाजपा और एक सीट पर लोजपा के उम्मीदवार होंगे. लोकसभा की एकमात्र सीट लोजपा को दी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 30, 2019 7:48 AM
पटना : राज्य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में एनडीए के भीतर लोकसभा के तर्ज पर सीटों का बटवारा हुआ, तो विधानसभा की पांच सीटों में दो जदयू के खाते में जायेगी. बाकी की तीन सीटों में दो पर भाजपा और एक सीट पर लोजपा के उम्मीदवार होंगे. लोकसभा की एकमात्र सीट लोजपा को दी जायेगी.
लोकसभा चुनाव में राज्य के पांच विधायकों को जीत हासिल हुई थी, उनके द्वारा छोड़ी गयी सीटों पर उपचुनाव होना है. इनमें से चार सीटों पर जदयू के विधायक रहे हैं. जबकि, किशनगंज की सीट कांग्रेस के विधायक थे. समस्तीपुर लोकसभा की सीट लोजपा के रामचंद्र पासवान के निधन से खाली हुई है.
विधानसभा की पांच सीटों में सीवान जिले के दरौंदा से जदयू विधायक कविता सिंह, बांका के बेलहर से जदयू के गिरिधारी यादव, सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर से जदयू के दिनेश चंद्र यादव, किशनगंज से कांग्रेस के मो जावेद और भागलपुर जिले के नाथनगर से जदयू के अजय मंडल विधायक थे.
जदयू और भाजपा के नेता इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहें, पर अंदरखाने में राष्ट्रीय स्तर पर मंथन जारी है. हालांकि, जदयू का दावा अपने कोटे की चारों सीटों पर बनता है. पर, पार्टी नेता इस मामले में चुप्पी साध रखे हैं. सूत्रों के मुताबिक दरौंदा और बेलहर की सीट पर भाजपा की नजर है. जबकि, सिमरी बख्तियारपुर की सीट पर लोजपा सांसद महबूब अली कैसर के बेटे के उम्मीदवारी की चर्चा है.
हालांकि, किस सीट से किस दल के उम्मीदवार होंगे, इस पर किसी भी दल ने खुल कर अपनी दावेदारी नहीं की है. सभी को चुनाव अायोग की ओर से उपचुनाव की तिथियां घोषित किये जाने का इंतजार है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए के तीनों घटक दल जदयू, भाजपा और लोजपा के बीच दो-दो-एक अनुपात में सीटों का बंटवारा हुआ था. इसके तहत जदयू और भाजपा को 17-17 सीटें मिलीं. वहीं, लोजपा को बांकी की छह सीटें दी गयीं.
प्रदेश कांग्रेस विधानसभा की तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में
पटना : लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में विधानसभा की रिक्त हुई पांच सीटों में से कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. पार्टी का मानना है कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस बहुत सारे दबावों से मुक्त हो चुकी है. सबकुछ मानने की स्थिति से बाहर निकल चुकी है. इन पांचों सीटों में कांग्रेस के पास एक सीट किशनगंज विधानसभा पर कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत हुई थी. शेष सभी चार सीटें जदयू के खाते में गयी थीं. कांग्रेस की परंपरागत सीट किशनगंज मानी जाती है. यहां से पार्टी के विधायक मो जावेद सांसद चुने गये हैं.
विपक्ष के पास किशनगंज को छोड़कर कोई भी सीट नहीं है. कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने बताया कि पार्टी तीन सीटों पर उपचुनाव की तैयारी में जुट गयी है. उन्होंने बताया कि तीनों सीटों के लिए कैंडिडेट भी उनके संपर्क में है. उपचुनाव को लेकर प्रारंभिक बातचीत भी हो चुकी है. पार्टी अपने बूते पर उपचुनाव की तैयारी कर रही है.
किशनगंज के अलावा नाथनगर विधानसभा और दरौंदा विधानसभा सीट पर पार्टी चुनाव की तैयारी कर रही है. भागलपुर विधानसभा और कहलगांव विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है. इसे देखते हुए नाथनगर विधानसभा क्षेत्र पर भी पार्टी तैयारी में जुटी है. दरौंदा विधानसभा सीट पर भी पार्टी अपना प्रत्याशी खड़ा करती रही है. चुनाव की घोषणा के पहले ही उपचुनाव को लेकर पार्टी आलाकमान को सभी स्थिति से अवगत करा देगी और फैसले के बाद प्रत्याशियों की घोषणा की जायेगी.
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन के पांच दलों में शामिल थीं. इसमें राजद के अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी हम, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी शामिल थी. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को छोड़ किसी भी दल का खाता नहीं खुला था. उपचुनाव में इन दलों को लेकर अब तक कोई चर्चा भी नहीं हो रही है.

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