पटना : ट्रकों से अवैध वसूली को लेकर मांगा जवाब

ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन की याचिका पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य में ट्रकों पर होने वाले ओवरलोडिंग के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 29 जुलाई तक जवाब तलब किया है. न्यायाधीश ज्योति शरण और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने बिहार स्टेट ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2019 9:30 AM
ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन की याचिका
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य में ट्रकों पर होने वाले ओवरलोडिंग के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 29 जुलाई तक जवाब तलब किया है.
न्यायाधीश ज्योति शरण और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने बिहार स्टेट ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि ट्रकों पर ओवरलोडिंग की जांच परिवहन विभाग के अधिकार क्षेत्र में है. लेकिन पुलिस विभाग के कर्मचारी ओवरलोडिंग की अवैध रूप से जांच करते हैं. जांच के नाम पर वसूली करते हैं और पैसा नहीं देने पर गाड़ी वाले को परेशान किया जाता है. कोर्ट ने इस मामले पर परिवहन विभाग व पुलिस प्रशासन को कहा कि वे लोग अगली सुनवाई 29 जुलाई तक अपना जवाब कोर्ट को दें .
भारी होने लगी है वकीलों की दैनिक सूची : हाइकोर्ट में लंबित केस की सुनवाई कब होगी, इसकी जानकारी सूची के माध्यम से ही वकीलों को और पक्षकारों को मिल पाती है. दैनिक सूची का मोटा होना अब सिरदर्द महसूस होने लगा है. दरअसल लिस्ट में छापे गये 25 प्रतिशत मामले की भी सुनवाई नहीं हो पाती है.
पटना : सीनियर आइएएस अधिकारी केके पाठक की मुश्किलें घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं. एक बार फिर पटना हाइकोर्ट ने केके पाठक की अर्जी को खारिज करते हुए उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि बिना किसी ठोस आधार के जज पर उंगली उठाना गलत है.
न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा करना कोर्ट की अवमानना है. ऐसी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं हो सकती. न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने केके पाठक की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया. महानिबंधक ने कोर्ट के आदेश के अलोक में क्या कार्रवाई की जा रही है, इसकी जानकारी राज्य के मुख्य सचिव से मांगी थी. केके पाठक ने इसे चुनौती दी थी. मामला उस समय का है जब पाठक निबंधन, उत्पाद एवं निषेध विभाग के प्रधान सचिव थे.

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