मॉनसून सत्र : विधानसभा में सूखे पर चिंता, 13 को विशेष चर्चा

कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने की कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग, हंगामा कार्य स्थगन प्रस्ताव किया गया नामंजूर अध्यक्ष के समझाने का भी कोई असर सदस्यों पर नहीं पड़ा पटना : विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार को जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्यों ने खड़े होकर सूखा का मामला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2019 8:41 AM
कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने की कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग, हंगामा
कार्य स्थगन प्रस्ताव किया गया नामंजूर
अध्यक्ष के समझाने का भी कोई असर सदस्यों पर नहीं पड़ा
पटना : विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार को जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्यों ने खड़े होकर सूखा का मामला उठाया और इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए अपनी सीट पर खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया.
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के समझाने पर सभी सदस्य शांत हो गये और प्रश्नकाल शुरू हो गया. इसके बाद जैसे ही शून्यकाल शुरू हुआ, सभी विपक्षी सदस्य फिर से खड़े हो गये और जोरदार हंगामा करने लगे. इस बार अध्यक्ष के समझाने का भी कोई असर सदस्यों पर नहीं पड़ा. उनका हंगामा बढ़ता गया और सभी सदस्य वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. सूखे के मुद्दे पर विधायक राजेश कुमार, सदानंद सिंह, अवधेश कुमार सिंह, ललित यादव, भाई वीरेंद्र, सत्यदेव राम और सुदामा प्रसाद ने कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया. अध्यक्ष ने इसे नियमानुकूल नहीं होने के कारण अमान्य कर दिया.
इस हंगामा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्षी दल बिना किसी मुद्दे के ही हंगामा खड़ा करते रहते हैं. सूखे की समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरकार इस पर 13 जुलाई को परिचर्चा आयोजित करने जा रही है. फिर इस मुद्दे पर बेवजह का कार्य स्थगन लाकर सदन का समय बर्बाद किया जा रहा है.
फसल अवशेषों को जलाने से रोकने का है प्रबंध
पटना : विधानसभा में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि खेतों में फसल के अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए व्यापक स्तर पर प्रबंध किये गये हैं. इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है.
राज्य स्तरीय कमेटी में कृषि विभाग के प्रधान सचिव और जिला स्तरीय कमेटी में डीएम को अध्यक्ष बनाया गया है. राज्य स्तरीय कमेटी के मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी विकास आयुक्त को भी सौंपी गयी है. विभागीय मंत्री विधानसभा में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पूरे बिहार खासकर मगध इलाके में फसल के अवशेषों को जलाने की परंपरा ज्यादा है. इसे रोकने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
किसानों को यह बताया जा रहा है कि अवशेषों को खेतों में प्रबंधन कर खाद बना सकते हैं. इस कार्य में कुछ खास कृषि यंत्रों का उपयोग करने का भी सुझाव दिया गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि खेतों में अवशिष्टों को जलाने से जमीन का तापमान भी बढ़ जाता है और जैविक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं. इन तमाम बातों की जानकारी किसानों को देने और ऐसा करने से रोकने के लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए टीवी, रेडियो समेत अन्य सभी माध्यमों से विज्ञापन भी दिया जा रहा है.
मार्च 2020 तक सभी घरों में पहुंच जायेगा नल का जल
पीएचइडी मंत्री बिनोद नारायण झा ने विधायक कुमार सर्वजीत के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि मार्च 2020 तक राज्य के सभी घरों में नल का जल सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. भू-जल में गिरावट आयी है. इससे बचने के लिए कई स्थानों पर नये चापाकल लगाये जा रहे हैं. मार्क-2 एवं 3 चापाकलों में पाइप बढ़ाने का काम भी कई स्थानों पर किये जा रहे हैं. राज्य के 25 जिलों से अधिक में सुखाड़ और जल संकट की स्थिति बनी हुई है. इसमें गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा, सासाराम, भोजपुर, कैमूर, बक्सर समेत कुछ अन्य जिलों में पेयजल का घोर संकट है.
15 दिनों में कोसी-मेची लिंक नहर योजना का क्लियरेंस
पटना : जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि देश में केन-बेतवा नदी जोड़ योजना के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना बिहार की कोसी–मेची लिंकिंग नहर योजना का काम पूरा होने जा रहा है.
15 दिनों के अंदर केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इसकी अनुमति मिल जायेगी. इस योजना के कार्यान्वयन से अररिया, कटिहार, किशनगंज एवं पूर्णिया जिले के 21 प्रखंडों के 2,10,516 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. इस योजना पर 4900 करोड़ की लागत आयेगी. जल संसाधन मंत्री गुरुवार को विधानसभा में रखे गये विभाग के 36 अरब 52 करोड़ के बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने सदन को बताया कि इसके अलावा सकरी-नाटा लिंकिंग योजना है. सकरी नदी पर बकसोती बराज से नहर निकाल कर आहर-पइन को जोड़ते हुए नाटा नदी में जलान्तरण की योजना है. यह योजना केंद्रीय जल आयोग में स्वीकृति की प्रक्रिया में है. इसी तरह से बूढ़ी गंडक–नून–बाया–गंगा लिंक योजना पर भी काम किया जा रहा है.
77,279 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता सृजन का लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019–20 में 77,279 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजन का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष बाढ़ की तैयारी पूरी कर ली गयी है. वर्ष 2018 में नदियों के व्यवहार की समस्या को देखते हुए 208 अदद बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं की स्वीकृति दी गयी, जिसमें 202 अदद योजनाओं को पूरा कर लिया गया है. छह योजनाओं के निर्माण व ड्रेजिंग का काम बाढ़ के बाद पूर्ण कर लिया जायेगा. बाढ़ से नियंत्रण के लिए 3790 किलोमीटर के तटबंध पर हर किलोमीटर पर होमगार्ड व चौकीदार को तैनात किया जा रहा है. बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए 72 घंटे लीड टाइम का पूर्वानुमान संभव हो सका है.
सेंटर फॉर एक्सेलेंस के तहत गणितीय प्रतिमान केंद्र अनिसाबाद, पटना में स्थापित किया गया है. पटना में ही वाटर नॉलेज सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव है. जल संसाधन विभाग के बजट पर राजद के ललित यादव यादव ने कटौती प्रस्ताव पेश किया. बजट पारित करने के दौरान विपक्षी दलों राजद, कांग्रेस व माले के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया. चर्चा में कुल 15 सदस्यों ने भाग लिया.
राजगीर में 22 कुंडों में से आठ कुंड सूख गये, होगा सर्वेक्षण : डिप्टी सीएम
पटना : विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजगीर में सूख रही जलधारा को बचाने के लिए आसपास के क्षेत्रों में सर्वेक्षण होगा. खासकर कुंड के आसपास के क्षेत्रों के घरों में गाड़े गये समरसेबल पंप की जांच होगी. उन पंपों से घरों में गरम पानी आने की शिकायत मिल रही है. इसके लिए पांच विभागों की कमेटी गठित हुई है, जो हर बिंदुओं पर जांच करेगी.
राधाचरण साह के ध्यानाकर्षण के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में 22 कुंडों व 52 धाराएं हैं. इसमें आठ कुंड सूख गये हैं. जलवायु परिवर्तन पर सरकार चिंतित है. मुख्यमंत्री खुद पिछले रविवार को वहां की सारी वस्तुस्थिति से अवगत हुए थे. राजगीर में विभाग द्वारा राजगीर में अवस्थित पांच पहाड़ियों में हरियाली बढ़ाने व जल व मृदा संरक्षण के लिए इको-रेस्टोरेशन व वृक्षारोपण का काम किया गया है.
वृक्षों की कटाई रोकने के लिए वन प्रशासन के स्तर से गश्ती दल का गठन कर लगातार नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष वर्षा कम होने के कारणजल संचय में कमी आयी है. इसके कारण कुंडों में पानी की कमी व सूखने की समस्या हो रही है.
40 परिवारों को दो माह में उपलब्ध करायी जायेगी जमीन
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी चंपारण के नोरंगिया दोन पंचायत के गोरबरहिया दोन के 40 परिवारों को दो माह में जिला प्रशासन जमीन उपलब्ध करा कर उसे बसाने का काम करेगा. सतीश कुमार के अल्पसूचित सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह परिवार जंगल के बाहर रहते थे. बाढ़ के बाद वाल्मीकि वन्यप्राणी आश्रयणी की जमीन को अतिक्रमण कर उस पर बसे हुए हैं. उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के संबंध में न्यायालय समाहर्ता सह वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा आदेश पारित किया गया है. अतिक्रमण किये हुए व्यक्तियों को अन्यत्र बसाने के संबंध में जिला प्रशासन निर्णय ले रहा है.
6003 कब्रिस्तानों की हुई घेराबंदी राज्य में सरकारी जमीन पर बने 8064 कब्रिस्तानों में से 6003 की घेराबंदी हो चुकी है. वहीं 1318 की घेराबंदी की जा रही है. घेराबंदी करने के लिए संवेदनशील पाये गये कुल 7321 कब्रिस्तानों की योजना स्वीकृत की गयी थी. सरकार की तरफ से यह जानकारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को बिहार विधान परिषद में दूसरी पाली की कार्यवाही के दौरान दी. वे विधान पार्षद तनवीर अख्तर के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान लाये गये प्रश्न का जवाब दे रहे थे. मंत्री ने कहा कि राज्य में संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी की नीति है. इसके लिए स्थानीय जिले में डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति निर्णय लेती है. इस समिति में एसपी भी शामिल रहते हैं.

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